गोण्डा। मुजेहना विकास खण्ड के भोपतपुर में चल रही संगीतमयी श्रीमद्भागवत कथा में आचार्य ओम प्रकाश मिश्र ने भगवान श्रीकृष्ण के बाल लीलाओं का वर्णन कर श्रद्धालुओं को भाव विभोर कर दिया।
यजमान पेशकार मिश्र (फौजी साहब) द्वारा आयोजित कथा में उन्होने कहा कि कृष्ण के पैदा होने के बाद कंस ने नन्हें श्रीकृष्ण को मौत के घाट उतारने के लिए अपनी राज्य की सर्वाधिक बलवान राक्षस पूतना को भेजता है। पूतना वेश बदलकर भगवान श्रीकृष्ण को अपने स्तन से जहरीला दूध पिलाने का प्रयास करती है, लेकिन भगवान श्रीकृष्ण उसको मौत के घाट उतार देते हैं। उन्होने बताया कि पृथ्वी ने गाय का रुप धारण करके श्रीकृष्ण को पुकारा तब श्रीकृष्ण पृथ्वी पर आये। इसलिए वह मिट्टी में नहाते खेलते और खाते हैं ताकि पृथ्वी का उद्धार कर सकें। गोपियो ने जाकर यशोदामाता से शिकायत कर कहती हैं कि तेरे लाला ने माटी खाई है यशोदामाता हाथ में छड़ी लेकर दौड़ी आयीं। अच्छा खोल मुख, माता के ऐसा कहने पर श्रीकृष्ण ने अपना मुख खोल दिया। श्रीकृष्ण के मुख खोलते ही यशोदा ने देखा कि मुख में चर-अचर सम्पूर्ण जगत विद्यमान है।
आचार्य ओम प्रकाश मिश्र ने बताया कि श्रीकृष्ण सोलह कलाओं से परिपूर्ण विष्णु अवतार है। सनातन धर्म के अनुसार भगवान विष्णु सर्व पापहारी, पवित्र, समस्त मानव जाति को मोक्ष प्रदान करने वाले देवता है। जब जब धरती पर पाप और अधर्म की वृद्धि होती है तब भगवान विष्णु अवतरित होते हैं।
इस दौरान कृष्ण देव पाठक, पेशकार पाठक, वंशराज पाठक, हरि प्रसाद पाठक, कुंवर पाठक, अंकित मिश्रा, चेतन तिवारी सहित गांव के श्रद्धालु मौजूद रहे।