भगवंत सिंह मान की कैबिनेट में योग्यता को तरजीह
डॉक्टर-इंजीनियर, वकील और किसान बने मंत्री
चंडीगढ़। पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार का गठन हो गया है। भगवंत सिंह मान मुख्यमंत्री पद की शपथ के बाद उनके मंत्रिमंडल में योग्यता को तरजीह दी गई है। साथ ही ऐसे लोगों को मंत्री बनाया गया है जो पूरी ऊर्जा के साथ काम करने वाले हों।
मान मंत्रिमंडल में तीन वकील, दो-दो डॉक्टर और किसान शामिल हैं। वहीं, एक-एक इंजीनियर, बिजनेसमैन और समाजसेवी को भी जगह मिली है। कैबिनेट में शामिल इकलौती महिला मंत्री डॉक्टर बलजीत कौर नेत्र सर्जन हैं। चुनाव से पहले वे सरकारी नौकरी छोड़कर आम आदमी पार्टी में शामिल हुई हैं। कौर के पिता प्रोफेसर साधु सिंह 2014 में फरीदकोट से आप के सांसद रह चुके हैं। अजनाला से जीते 60 साल के कुलदीप सिंह धालीवाल मान कैबिनेट के सबसे बुजुर्ग मंत्री हैं। नए मंत्रिमंडल की औसत उम्र 46 साल 11 महीने है। मुख्यमंत्री समेत कुल 11 मंत्रियों में 31 साल के हरजोत सिंह भगवंत मान सबसे युवा मंत्री हैं। 32 साल के गुरमीत सिंह मीत हेयर दूसरे तो 40 साल के लालजीत सिंह भुल्लर तीसरे सबसे युवा मंत्री हैं। मंत्रिमंडल में शामिल छह मंत्रियों की उम्र पचास साल से कम है। इनमें 46 साल की डॉक्टर बलजीत कौर, 47 साल के हरपाल चीमा और 48 साल के मुख्यमंत्री भगवंत मान शामिल हैं। 50 साल से अधिक उम्र के पांच मंत्रियों में 51 साल के लाल चन्द, 52 साल के विजय सिंगला, 53 साल के हरभजन सिंह ईटीओ, 56 साल के ब्रम शंकर और 60 साल के कुलदीप सिंह धालीवाल शामिल हैं।
दो मंत्री 10वीं पास तो दो 12वीं पास
भगवंत मान मंत्रिमंडल में शामिल मंत्रियों में दो मंत्री केवल दसवीं पास हैं। 10वीं पास मंत्रियों में अजनाला से जीते कुलदीप सिंह धालीवाल और भोआ से जीते लाल चन्द शामिल हैं। चुनावी हलफनामे में धालीवाल ने खुद को किसान तो लाल चन्द को खुद को समाजसेवी बताया है। 12वीं पास मंत्रियों में पट्टी से जीते लाल जीत सिंह भुल्लर और होशियारपुर से जीते ब्रम शंकर शामिल हैं। मुख्यमंत्री भगवंत मान भी 12वीं पास हैं। मुख्यमंत्री भगवंत मान समेत 7 मंत्रियों पर चल रहे मुकदमेकैबिनेट में शामिल 11 मंत्रियों में से सात पर आपराधिक मुकदमे चल रहे हैं। इनमें मुख्यमंत्री भगवंत मान भी शामिल हैं। मान पर सरकारी काम में बाधा पहुंचाने और सरकारी कर्मचारी को चोट पहुंचाने का आरोप है। जिन सात मंत्रियों पर मुकदमे चल रहे हैं उनमें से पांच पर एक-एक केस दर्ज है। वहीं, लाल जीत सिंह भुल्लर पर तीन और गुरमीत मीत हेयर पर 5 मुकदमे चल रहे हैं।