वन विभाग की उदासीनता से अवैध आरा मशीनों का संचालन बेरोकटोक जारी है, जिससे प्रतिबंधित पेड़ों की कटान कर लकड़ी माफिया हरियाली को नष्ट करने से बाज नहीं आ रहे हैं।
जिले के विभिन्न क्षेत्रो में वन विभाग की तरफ से आरा मशीन के संचालन का लाइसेंस दिया गया है लेकिन जितनी लाइसेंसशुदा आरा मशीनें हैं उतनी बिना लाइसेंस के ही संचालित हैं। इतना ही नहीं कुछ आरा मशीन संचालक एक इकाई की स्थापना का लाइसेंस लिए हैं लेकिन उसकी आड़ में दो-दो आरा मशीनों का संचालन कर रहे हैं।
अलावल देवरिया बग्गीरोड क्षेत्र के धर्मेई व बैजपुर में सड़क किनारे बिना परमिट के आरा मशीने संचालित की जा रही है जिसकी भनक शायद वन विभाग के अधिकारियों को नही है।
दर असल धर्मेई व बैजपुर ग्रामीण इलाके हैं यहां विभाग अथवा पुलिस टीमों का गश्त न के बराबर ही होता है इसलिए बेख़ौफ़ तरीके से यहां आरा मशीन खुले आम चलाई जा रही है।
पड़ताल के लिए जब पत्रकारों की टीम बैजपुर स्थित आराम मशीन पर पहुंची तो वहां कोई जिम्मेदार व्यक्ति नही मिला जो किसी प्रकार जानकारी उपलब्ध करा सके, मजदूरों ने टीम को देखते ही मशीन बन्द करके जाने की कोशिश किये रोके जाने पर मजदूरों ने बताया की लाइसेंस सम्बन्धी कोई जानकारी नही है पिछले एक साल ये यह आरा मशीन चल रही है।