मुजफ्फरनगर में जन्मा नेम प्लेट विवाद भले ही सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन हो, लेकिन गाजियाबाद के जूस में पेशाब मिलाने और शामली में थूक मिलाकर पिलाने वाले जैसे मामलों की वजह से सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने साफ कह दिया है कि अब ये सब नहीं चलेगा और बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. मुख्यमंत्री ने उत्तर प्रदेश में खान-पान की दुकानों पर संचालक, प्रोपराइटर और मैनेजर समेत स्टाफ का नाम-पता स्पष्ट रूप से डिस्प्ले करने का आदेश जारी कर दिया है. साथ ही पूरे स्टाफ के पुलिस वेरिफिकेशन भी अनिवार्य कर दिया है. सीएम योगी के इस आदेश के बाद हमारी टीम ने ग्राउंड पर उतरकर होटल संचालकों, आमजन मानस, हिंदूवादी नेताओं और विपक्ष से बात कर उनके मन को टटोलने की कोशिश की…. पढ़े ये रिपोर्ट…
मुजफ्फरनगर में.. दो साल पहले जहां से नेम प्लेट विवाद का जन्म हुआ था. कांवड मार्ग समेत दिल्ली-देहरादून नेशनल हाईवे-58 पर पडने वाले कई होटल-रेस्टोरेंट के संचालकों और स्टाफ से हुई वार्ता में सभी ने सीएम के इस आदेश को सही ठहराया और स्वागत किया. पंडित जी वैष्णो ढाबा पर कार्यरत स्टाफ सुनील शर्मा ने इस मुद्दे पर कहा कि ये बहुत बढिया कर दिया गया है. योगी सरकार जो कर रही है वो ठीक कर रही है. रही बात बिजनेस पर प्रभाव की तो वो ईश्वर जाने कि किसका कैसा चलेगा, ये उपर वाला जाने, लेकिन जो सरकार ने किया है वो बहुत अच्छा किया है
तिरंगा फैमली ढाबा के संचालक कृष्ण पाल सिंह कहते हैं कि कस्टमर का सेटिस्फेक्शन बहुत जरूरी है. उसे हिंदू के ढाबे पर रूकना है या फिर मुस्लिम के ढाबे पर रूकना है, ये उनकी अपनी चॉइस है. ऐसा नहीं होना चाहिए कि नाम कुछ है और फोटो कुछ है. पहले भी सबने अपने और स्टाफ के नाम लिखवा दिए थे, लेकिन बाद में आदेश निरस्त होने पर हटा दिए थे. सरकार का ये आदेश अच्छा है और उसी के हिसाब से काम करेंगे.
बाइटः कृष्ण पाल सिंह, संचालक, तिरंगा फैमिली ढाबा
वीओः शिव शक्ति ढाबा पर कार्यरत कारीगर कहते है कि सरकार का ये निर्णय सही है. हमने तो कांवड यात्रा से पहले ही लगवा दिए थे. ग्राहकों को पता होना चाहिए कि कौन कारीगर है. कौन स्टाफ है.
बाइटः संतराम, कारीगर, शिव शक्ति शाकाहारी ढाबा
वीओः संयुक्त हिंदू मोर्चा के संस्थापक मनोज सैनी कहते है, सीएम योगी आदित्यनाथ का ये निर्णय एकदम सही है. कुछ लोग हिंदू देवी-देवताओं के नाम रखकर कुछ मुस्लिमों ने अपने होटल खोले हुए हैं. वे लोग कहीं थूक जिहाद, कहीं पेशाब जिहाद का खाना हम लोगों को परोस रहे हैं. सरकार ने बहुत अच्छा आदेश दिया है. जो लोग इस तरह से नाम बदलकर होटल खोलते हैं, उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज होना चाहिए. मनोज सैनी ने सीएम योगी से ये भी मांग की है कि इस तरह का कार्य करने वालों के खिलाफ एक सख्त कानून बनाया जाए, ताकि उनकी जल्दी से जमानत भी ना हो सके.
वीओः शिवसेना के मंडल अध्यक्ष लोकेश सैनी ने सीएम योगी के इस आदेश का स्वागत करते हुए धन्यवाद किया है. उन्होंने कहा कि इसके लिए बहुत दिनों से हिंदू संगठन मांग कर रहे थे. शिवसेना भी अपने स्तर से मेहनत कर रही थी. क्योंकि देखने में आ रहा था कि जिहादी मानसिकता के कुछ लोग दूध में पेशाब, जूस में पेशाब, खाने में थूक रहे हैं.. यहां तक कि शेविंग बनाने के दौरान जिहाद लगातार किया जा रहा था. लोकेश सैनी ने ऐसे लोगों के खिलाफ रासुका लगाए जाने की भी मांग की.
वीओः कुटेसरा गांव निवासी पूर्व जिला पंचायत मोहम्मद कामिल ने योगी के इस फैसले का स्वागत किया है. उन्होंने कहा कि कोई पेशाब कर रहा है तो कोई कुछ कर रहा है. ये आदेश सही हुआ है. नेम प्लेट में किसी को दिक्कत क्या है. उन्होंने ये भी कहा कि इस आदेश को धर्म से जोड़ना गलत है. ये सभी के लिए है चाहे वो हिंदू हो या फिर मुसलमान.
वीओः शिवसेना के जिला अध्यक्ष बिट्टू सिखेडा ने भी योगी सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है. उन्होंने कहा कि बहुत दिनों से हर सनातनी की ये मांग थी.
वीओः इस मामले में विपक्ष से भी उनकी राय जानने की कोशिश की. सपा सांसद हरेंद्र मलिक ने सीएम योगी आदित्यनाथ के नेम प्लेट और सफाई व्यवस्था संबंधी दिए गए आदेश पर तंज कसते हुए कहा कि ये सरकार का काम है. हरेंद्र मलिक कहते हैं कि अब से पहले सरकार को किसने रोका था. आपके पास फूड इंस्पेक्टर है, सेनेटरी इंस्पेक्टर है. आपको चेक कराने चाहिए. सरकार का काम ये ही है. सपा सांसद हरेंद्र मलिक ने योगी सरकार से खाद्य पदार्थ की गुणवत्ता के साथ-साथ उनकी कीमतों की भी जांच करने की मांग की.
वीओः नेम प्लेट विवाद के जन्मदाता स्वामी यशवीर महाराज ने सीएम योगी के इस आदेश को ऐतिहासिक बताते हुए धन्यवाद किया है. उन्होंने इस मुद्दे पर हिंदुओं से आह्वान करते हुए कहा कि योगी जी ने तो ये लागू करा दिया है, अब बाकी काम आपका है. आपका भी दायित्व है कि अगर कोई अपना वास्तविक नाम नहीं लिख रहा है तो उसे लिखने के लिए बाध्य करें और अगर वो तब भी नहीं लिख रहा है तो आंदोलन करें. ये सारे कार्य सरकार के भरोसे नहीं होते. कुछ कार्य जनता को भी करने होते हैं. स्वामी ने मुस्लिमों की तरफ इशारा करते हुए कहा कि अब इनकी ये हरकतें बर्दाश्त नहीं की जाएगी.
एफवीओः बहरहाल… उत्तर प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ के खाद्य पदार्थों के संस्थानों पर नाम-पता लिखने के आदेश के बाद एक बार फिर से नेम प्लेट विवाद को हवा मिल गई है. अधिकांश लोग इस आदेश का स्वागत भी कर रहे हैं और सीएम का धन्यवाद भी कर रहे हैं. अब देखने वाली बात ये होगी कि इस आदेश के लागू होने के बाद इसके दूरगामी परिणाम क्या होंगे. सवाल उठना ये भी लाजमी है कि क्या इससे कारोबार पर फर्क पड़ेगा… खासकर मुसलमान तबका प्रभावित होगा… और सवाल ये भी है कि ये निर्णय कितना प्रभावी होगा और क्या इससे खाने-पीने की वस्तुओं में थूक-मूत्र मिलाने जैसी घटनाओं पर लगाम लग पाएगा?