फरार कैदी को पुलिस ने मुठभेड़ में किया गिरफ्तार

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पेशी के दौरान पुलिस अभिरक्षा से फरार हत्यारोपी शातिर अभियुक्त श्यामू कोरी 10 घंटे के अंदर पुलिस मुठभेड़ में हुआ गिरफ्तार, पैर में लगी गोली, अवैध तमंचा कारतूस बरामद-*
दिनांक 07.07.2022 को आरक्षी इंद्रपाल द्वारा मु0अ0सं0- 149/19, धारा 147,148,149, 302, 506, 420,467,468 भादवि व 7 सीएलए ऐक्ट के अभियुक्त श्यामू कोरी को ए०डी०जे० तृतीय कोर्ट में पेशी हेतु लाया गया था। आरक्षी इंद्रपाल के अभिरक्षा से अभियुक्त पानी पीने के बहाने चकमा देकर फरार हो गया था। जिसके संबंध में थाना कोतवाली नगर में संबंधित धाराओं में अभियोग पंजीकृत किया गया था। पुलिस अधीक्षक गोण्डा आकाश तोमर ने प्रकरण को संज्ञान में लेकर अभियुक्त की गिरफ्तारी हेतु अपर पुलिस अधीक्षक शिवराज के नेतृत्व में जनपदीय पुलिस की 05 टीमें व एसओजी टीम को लगाया गया था। थाना मनकापुर व एस०ओ०जी० की संयुक्त टीम द्वारा पुलिस अभिरक्षा से फरार अभियुक्त श्यामू कोरी को 10 घंटे के अंदर टिकरी जंगल निकट मनकापुर नवाबगंज रोड सम्मय माता मंदिर के पास पुलिस मुठभेड़ में गिरफ्तार कर अभियुक्त के कब्जे से 01 अदद अवैध तमंचा 315 बोर मय 02 अदद खोखा व 02 अदद जिंदा कारतूस बरामद किया गया। अभियुक्त द्वारा पुलिस पार्टी पर जान से मारने की नियत से फायर किया गया था। आत्मरक्षार्थ पुलिस पार्टी की जवाबी कार्यवाही में अभियुक्त श्यामू कोरी के पैर में गोली लग गयी। अभियुक्त श्यामू कोरी का पुलिस अभिरक्षा में सी०एच०सी० मनकापुर में ईलाज चल रहा है। अभियुक्त के विरुद्ध थाना मनकापुर पुलिस द्वारा विधिक कार्यवाही की गई।

*गिरफ्तार अभियुक्त -*
01. श्यामू कोरी पुत्र शंकर कोरी निवासी निहालपुर गायत्री पुरम थाना कोतवाली नगर जनपद गोण्डा।

*पंजीकृत अभियोग -*
01. मु०अ०सं०-425/22, धारा 223,224 भादवि थाना कोतवाली नगर जनपद गोंडा।
02. मु०अ०सं०-229/22 धारा 307 भादवि थाना कोतवाली मनकापुर जनपद गोंडा।
03. मु०अ०सं०-230/22 धारा 3/5 आर्म्स एक्ट थाना कोतवाली मनकापुर जनपद गोंडा।

*बरामदगी -*
01. 01 अदद अवैध तमंचा 315 बोर मय 02. 02 अदद खोखा व 02 अदद जिंदा कारतूस।गि

रफ्तार कर्ता टीम

01. प्रभारी निरीक्षक मनकापुर मनोज कुमार राय मय टीम।
02. प्रभारी एस०ओ०जी० अमित कुमार।
03. हेड का० अरुण यादव।
04. का० अरविंद कुमार।
05. का० आदित्य कुमार पाल।
06. का० अमित यादव।

अब सवाल यह उठता है की पुलिस ने मुठभेड़ करके गिरफ्तारी तो दिखा दी लेकिन कहीं ना कहीं पुलिस के इकबाल पर सवाल उठता है कोर्ट की सुरक्षा व्यवस्था के बाद पेसी से आया अभियुक्त मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार हुआ , कोर्ट के अंदर भी सुरक्षा व्यवस्था होती है कैदी को जेल से ही सुरक्षा व्यवस्था में लाया जाता है और उसको सुरक्षा व्यवस्था में तब तक रखा रखा जाता है जब तक वह वापस जेल के अंदर हो न जाए ऐसे में कहीं ना कहीं पुलिस पर सवालिया निशान खड़ा होता है आखिर कैदी फरार हुआ तो क्या उसके हाथ में हथकड़ी नहीं थी अगर हथकड़ी थी और कैदी भाग रहा था तो कोर्ट के मेन गेट पर सुरक्षा व्यवस्था जो होती है वह पुलिस वाले आखिर क्या कर रहे थे तो साफ-साफ कहीं ना कहीं पुलिस के इकबाल पर सवालिया निशान खड़ा होता है। गोंडा में हाल ही में ट्रांसफर हुए आईपीएस संतोष मिश्रा के जाते ही पुलिस ने यह कारनामा कर दिखाया अब देखने वाली बात होगी की नए पुलिस अधीक्षक इस प्रकरण को कितना संज्ञान में लेते हैं और किस तरह से कार्यवाही करेंगे जिससे गोंडा के कैदियों में पुलिस का खौफ पैदा हो सके।

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