खरगूपुर गोंडा ! कथावाचक कनकेश्वरी ने कहा कि हमें अपनी मातृभाषा पर गर्व करना चाहिए और किसी भी विषय को अगर हमें अन्य को समझाना है तो मातृभाषा से बेहतर कुछ और नहीं हो सकता।इसलिए गोस्वामी तुलसीदास जी ने जब राम चरित मानस की रचना की तो अवधी में की।कथा के अन्तिम चरण में भगवान श्री राम जी और जनकनंदिनी सीता का विवाह धूमधाम से संपन्न हुआ।उन्होंने कहा कि सीताराम महायज्ञ के दौरान जपे गये राममंत्र से आंतरिक अग्नि प्रज्जवलित होती है।यह हमारे सभी बुरे कर्मों और अशुद्धियों को नष्ट कर देती है।इस यज्ञ का आयोजन भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने के लिए किया जा रहा है। इस अवसर पर.संतोष घनश्याम शुक्ला,बजरंग बली शुक्ल,अवनीश शुक्ल आदि उपस्थित रहे।अंत में समिति के सदस्यों ने धन्यवाद ज्ञापित कर बताया कि 13 मई को कथा और यज्ञ के अन्तिम दिवस पर भंडारे का आयोजन किया गया है ।
रिपोर्ट – राहुल तिवारी गोंडा