गोंडा में शिक्षक बन कर जिलाधिकारी ने ली क्लास

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 गोंडा के जिला अधिकारी डॉ उज्जवल कुमार की अध्यापक के रूप में तस्वीर निकल कर सामने आई जिसमें जिला अधिकारी अध्यापक की भूमिका में होकर बच्चों को क्लास दे रहे हैं दरअसल जिला अधिकारी विकासखंड झंझरी क्षेत्र के कमपोजिट विद्यालय लक्ष्मणपुर जाट का निरीक्षण करने पहुंचे थे निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने कच्चे 6 -7 और 8 में जाकर विद्यालय में हो रही पढ़ाई की जानकारी ली और ब्लैक बोर्ड पर जाकर बच्चों को समझाते हुए पढ़ाई करवाएं जिलाधिकारी ने बच्चों से 9 से लेकर 12 तक के पहाड़े के बारे में पूछा तो भारत के मानचित्र के बारे में बच्चों से जानकारी ली जहां एक तरफ जिलाधिकारी ने बच्चों के अध्यापक की भूमिका में नजर है दूसरी तरफ जिला अधिकारी के तौर पर वहां पर साफ सफाई बच्चों के खान-पान और बच्चों के स्कूल ड्रेस में आने के लिए वहां के प्रधानाध्यापक को निर्देशित किया स्कूल में बच्चों को मिलने वाली सारी सुविधाएं समय से मिलाकर जिसके लिए स्कूल प्रबंधक को निर्देशित किया गया और अगर किसी भी प्रकार की लापरवाही मिली तो स्कूल प्रबंधन स्कूल के प्रधानाध्यापक के खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी तो कुल मिलाकर जिला अधिकारी का दो चेहरा सामने निकल कर सामने आया।

जिलाधिकारी डॉ0 उज्ज्वल कुमार ने आज  को विकासखंड झंझरी के क्षेत्र कम्पोजिट विद्यालय लक्ष्मणपुर जाट का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने विद्यालय के कक्षा 6, 7 व 8 में जाकर बच्चों से विद्यालय में हो रही पढ़ाई के बारे में जानकारी ली तथा बच्चों से भारत के नक्शे के बारे में पूछा और बच्चों ने डीएम को बताया। इसके साथ ही जिलाधिकारी ने दूसरे क्लास में जाकर  वहां के बच्चों से 9 से 12 तक के पहाड़ा के बारे में जानकारी ली तथा बच्चों ने डीएम को पहाड़ा भी सुनाया। इसके बाद जिलाधिकारी ने कक्षा तीन में जाकर ब्लैक बोर्ड पर लिखकर बच्च्चों को पढ़ाया तथा वहां पर उपस्थित प्रधानाध्यापिका एवं अन्य अध्यापक को निर्देश दिए हैं कि बच्चों को बहुत ही अच्छी तरह से पढ़ाया जाए और इनके खान-पान पर विशेष ध्यान रखा जाय तथा सभी बच्चों को प्रेरित किया जाय कि सभी बच्चे स्कूल के ड्रेस में पढ़ने आये। इसके साथ ही डीएम ने आंगनबाड़ी केंद्र में जाकर वहां पर बच्चों को पढ़ा रही आंगनबाड़ी कार्यकत्री एवं सहायिका से बच्चों के संबंध में पूछताछ की और निर्देशित किये की यहां पर पढ़ रहे बच्चों पर विशेष ध्यान दिया जाय एवं बच्चों को मिलने वाली सारी सुविधाएं समय से मुहैया कराई जाय। इसमें किसी ने किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

अब देखने वाली बात यह होती है क्या गोण्डा जनपद के सरकारी शिक्षक को सबक लेनी चाहिए की आखिर जिले पर पूरी तरह जिम्मेदारी लेकर चलने वाला अधिकारी जिस तरह से सभी विभागों को देख रहे है उसकी गुडवत्ता को देखरहे है।लेकीन गोंडा जनपद के शिक्षक अपनी जिम्मेदारी को निभाने में कहीं न कही चूक कर रहे है। सरकार शिक्षा विभाग पर तरह तरह से स्कीम चलाती है कि सभी साक्षर रहे हर अंतिम पायदान का आदमी अपने बेटों के उज्जवल भविष्य को बनाने के लिए इसी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं लेकिन वहीं पर शिक्षक केवल अपनी महीने की सैलरी को लेकर चिंतित रहते हैं चौक चौराहों पर बैठकर समय बिताते हैं। किसी विद्यालय में अगर 4 शिक्षक हैं तो दो ही ढंग से पढ़ाते हैं दो केवल नेतागिरी करने में लगे रहते हैं इसके लिए जिला अधिकारी और बेसिक शिक्षा अधिकारी ने अब कमर कस ली है।

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