गोंडा जिला हॉस्पिटल में घायल मरीज का परिजन खुद करते पट्टी

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Gonda UP सरकार स्वास्थ्य विभाग को हाईटेक करने के लिए बड़े-बड़े मेडिकल कॉलेज बनवाने के साथ जिला अस्पताल में तैनात डॉकर व अन्य स्वास्थ्य कर्मियों को मोटी सैलरी दे रही है फिर लापरवाह स्वास्थ्य कर्मी अपने दायित्वों का निर्वाहन नहीं कर रहे हैं प्रदेश के उपमुख्यमंत्री व स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक यूपी के जिला चिकित्सालय का निरीक्षण कर रहे हैं और स्वास्थ्य कर्मियों को हिदायत दे रहे हैं फिर भी लापरवाह स्वास्थ्य कर्मी सुधरने का नाम नहीं दे रहे है स्वास्थ्य मंत्री के आने की सुगबुगाहट होने के बाद जिले के वरिष्ठ अधिकारी लगातार जिला अस्पताल व अन्य स्वास्थ्य विभागों का निरीक्षण करने लगते हैं लेकिन जैसे ही अधिकारी के जाने के बाद राम स्वास्थ विभाग की सेवा भरोसे राम भरोसे चलने लगती है। गोंडा के जिला अस्पताल के ट्रामा वार्ड में जमीनी विवाद में घायल होकर आए घायलों का उसके बेटे द्वारा सर की पट्टी बदलने का मामला सोशल मीडिया में वायरल होने के बाद स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मचा हुआ है और स्वास्थ्य सुविधाओं के दावों की भी पोल खोल रही है ट्रामा वार्ड में एडमिट मरीज व उनके परिजनों ने साफ विभाग पर कई गंभीर आरोप लगाए परिजनों का कहना है कि खुद ही मेरा लड़का पट्टी बदल रहा है जब डॉक्टर के पास जाओ तो भगा देते हैं रात में मरीज छटपटाते हैं कोई सुनने वाला नहीं है लेकिन वही पूरे मामले पर स्वास्थ्य विभाग की मुखिया रश्मि वर्मा ने कहा है कि सभी घायल ठीक-ठाक है उनका इलाज चल रहा है वह आपस में बातचीत कर रहे हैं लेकिन जब उनसे सवाल किया गया कि क्या मरीज व उनके परिजनों का आरोप गलत है तो उन्होंने इस पर कोई भी प्रतिक्रिया नहीं दी उनका कहना है कि मैं इस पर कुछ नहीं कह सकती गोंडा का जिला अस्पताल अक्सर विवादों में रहा है महीने में दो चार मामले आते ही रहते है।

कोतवाली कर्नलगंज क्षेत्र के खुम्भापुर परसा गोण्डरी में बीते बृहस्पतिवार को जमीनी विवाद में बाप बेटे सहित तीन अन्य लोग घायल होकर एंबुलेंस के जरिए इलाज के लिए गोंडा जिला अस्पताल लाया गया था घायलों को इमरजेंसी में इलाज के बाद ट्रामा वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया था। जिला अस्पताल के ट्रामा वार्ड में भर्ती मरीज व उनके परिजनों का स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों पर आरोप है कि जब  ड्रेसिंग के लिए डॉक्टर व नर्स के पास जाते हैं तो वहां से उनको भगा दिया जाता है कहते हैं कि जाकर खुद पट्टी बांध लीजिए कोई आपका नौकर नहीं लिया है किसी तरीके से हम लोग खुद ही पट्टी बांध लेते हैं एक का पैर टूटा हुआ है अभी तक उनके पैर प्लास्टर तक नहीं बांधा गया है मरीज के परिजन का कहना है कि रात पर डॉक्टर व नर्स के पास जाओ तो कोई नहीं आता है मरीज रात में छटपटाते रहते हैं सही से दवा और इलाज नहीं हो रहा है पट्टी बदलने वाला कोई नहीं है घर का एक लड़का पट्टी बदलता है।

इस पूरे प्रकरण पर जब मुख्य चिकित्सा अधिकारी से बात किया गया तो उन्होंने कहा आपके द्वारा मामला संज्ञान में आया है मैंने जानकारी लिया दोनों मरीज ठीक है स्थिति उनकी अच्छी है वह लोग आपस में बातें कर रहे हैं ऐसी कोई मरीज किसी से नहीं कि उनको अलग से कुछ ट्रीटमेंट दिया जाए जब फ्री की रिपोर्ट आ जाएगी उसके हिसाब से पैर में प्लास्टर चढ़ा दिया जाएगा लेकिन सीएमओ मैडम ने मरीज के परिजनों के आरोप के सवाल पूछे जाने पर कहा कि मैं आरोप के बारे में कुछ नहीं कह सकती तो कहीं ना कहीं इनकी बातों से साफ अंदाजा लगाया जा सकता है कि गोंडा के जिला अस्पताल में आए दिन मरीजों के साथ इलाज के नाम पर केवल खिलवाड़ किया जा रहा है।

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