विकट बाढ़ की करोड़ कहानी नदियों का संन्यास लिखा है l
बूढ़े बरगद के वल्कल पर सादियों का इतिहास लिखा है l
खबर उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले से हैं जहां बरसात के दिनों में पहाड़ी क्षेत्र में बारिश के बाद शारदा गिरजा व सरयू बैराज से लाखों क्यूसेक पानी छोड़ जाने के बाद गोंडा जनपद में तरबगंज और कर्नलगंज तहसील के दर्जनों गांव बाढ़ से प्रभावित होते हैं लगभग 50 हजार की जनसंख्या को बाढ़ का दंश झेलना पड़ता है l वही बाढ़ क्षेत्र के लोगों को हर वर्ष ऊंचे स्थान पर पलायन करना पड़ता हैl ऐसे में जानवरों के लिए सबसे विविसता होती है जानवरों को चारा बच्चों को पढ़ाई की दिक्कत अगर बात किया जाए तो बाढ़ क्षेत्र के लोगों का पूरा जन जीवन अस्त-व्यस्त हो जाता है l
देवीपाटन मंडल के कमिश्नर ने बाढ़ क्षेत्र का लिया जायजा और बांटा लेन्च पैकट
मण्डलायुक्त ने जबऱनगर परास में बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का निरीक्षण किया एवं संबंधित को आवश्यक दिशा निर्देश दिये गये। उन्होंने एसडीएम तरबगंज को पर्याप्त मात्रा में भूसा व अन्य राहत सामग्री की व्यवस्था करने के निर्देश दिए तथा सीएचसी अधीक्षक तरबगंज को एंटी स्नेक वैक्सीन की पर्याप्त व्यवस्था बनाए रखने के निर्देश दिए। इसके अलावा उन्होंने ग्रामीणों को लंच पैकेट भी वितरित किया। उन्होंने निर्देश दिए कि अधिकारी निरंतर बाढ़ पर निगरानी रखें। बाढ़ प्रभावित लोगों को राहत सामग्री पहुंचाई जाए तथा किसी भी प्रकार की पशु या जनहानि ना होने दी जाए।
बाढ़ आने से किसानों की क्या होते हैं फायदे और नुकसान
किसने की माने तो किसानों का कहना है अगर बाढ़ आती है थोड़ी बहुत और चली जाती है तो ऐसे में फसल बहुत अच्छी होती है और मिट्टी भी उपजाऊ हो जाती है लेकिन अगर यही बाढ लगातार कई दिनों तक रहती है तो किसानों की फसल खत्म हो जाती है l जनपद गोंडा के किसानों का मुख्य आय का सोत्र गन्ना हैं बाढ़ आती है और कई दिनों तक अगर रुक जाती है तो गन्ना सूख जाता है जिससे किसानों को बहुत ही नुकसान होता है और उसकी भरपाई किसान पूरे साल भी नहीं कर पता है l
गोंडा जिला अधिकारी नेहा शर्मा लगातार बढ़ पर भ्रमण कर राहत सामग्री वितरण कर रही है
जिलाधिकारी श्रीमती नेहा शर्मा ने तहसील करनैलगंज अंतर्गत बाढ़ प्रभावित क्षेत्र ग्राम नकहरा में जाकर बाढ़ चौकिया का निरीक्षण किया, तथा गांवों में जाकर ग्रामीणों से वार्ता की। इसके साथ ही जिलाधिकारी ने कर्नलगंज तहसील से लेकर तरबगंज तहसील ग्राम ऐलीपरसौली तक बंधे पर चलते हुए निरीक्षण किया। साथ ही उन्होंने तहसील तरबगंज के अंतर्गत बाढ़ प्रभावित क्षेत्र ऐलीपरसौली गांवो का निरीक्षण किया तथा ग्रामीणों से वार्ता की।
निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्र ग्राम गढ़ी, जबरनगर, गोड़ियन पुरवा, लोनियन पुरवा, सहित लगभग दर्जनों गांवों में बोटर वाली नाव से जाकर ग्रामीणों से मुलाकात की। साथ ही ग्रामीणों को लंच पैकेट तथा राहत सामग्री एवं फूड पैकेट का वितरण किया। इसके साथ ही उन्होंने ग्रामीणों से बाढ़ के दौरान विभागों द्वारा दिए जा रहे व्यवस्थाओं के संबंध में जानकारी ली साथ ही जिलाधिकारी श्रीमती नेहा शर्मा ने ग्रामीणों से मुलाकात करते समय उन्होंने कहा कि पूरा प्रशासन तथा हम सभी लोग आप ग्रामीणों के साथ हैं। बाढ़ से कहीं पर किसी भी प्रकार की कोई समस्या नहीं होने देंगे। हम सभी लोग पूरी तरह से बाढ़ से निपटने के लिए पूरी व्यवस्थाओं के साथ तैयार हैं।
क्या बाढ़ से परमानेंट गोंडा लोगो को मिल सकती हैं निजात
गोंडा जनपद के हजारों बाढ़ पीड़ितों को निजात मिल सकती है लेकिन उसके लिए पक्की बांध का निर्माण करना होगा जिसकी लागत अधिक आएगी करनैलगंज से लेकर अयोध्या तक यदि पक्के बांध का निर्माण हो जाए तो शायद बाढ़ से क्षेत्र वालों को निजात मिल सकती है बाढ़ में हर वर्ष करोड़ों रुपए बाँध को बचाने में राहत सामग्री वितरण करने में लग जाते हैं, पक्के बांध निर्माण में यदि यही पैसा लगाया जाए तो शायद क्षेत्र वासियों को बाढ़ का दंश न झेलना पड़े कई दशकों से बाढ़ के बचाव में जितना पैसा खर्च हो रहा है कितने पैसे में अब तक शायद कई जनपदों का पक्का बांध बन जाता l