कैसे संभालें दिल, जब बुजुर्ग तो बुजुर्ग युवा भी छोड़ रहे जीवन

0
190

युवाओं में बढ़ते हार्ट अटैक के खतरे की घंटी
वातावरण का दोष या फिर कोई अन्य कारण

गोंडा। 40 लाख की आबादी वाले जिला गोंडा में प्रत्येक फिजीशियन डाक्टर के पास आने वाले मरीजों में 10 फीसदी हृदय रोग के होते हैं। हृदय रोग विशेषज्ञ के यहां 80 प्रतिशत होते हैं। लेकिन इसमें प्रायः 40 साल से ऊपर के व्यक्ति हैं। कभी कभार कोई युवा हृदय रोग के कारण पहुंच रहा है। लेकिन इधर लगातार युवाओं की हार्ट अटैक से हुई मौत के बाद डाक्टर भी हैरान हैं और इसके पीछे कई कारण बता रहे हैं।
बरेली में 23 साल के टीचर की स्कूल में प्रार्थना के दौरान मौत हो गई। डाक्टरों के अनुसार टीचर की मौत हार्ट के कारण हुई है। प्रयागराज में क्रिकेट खेलते समय 25 साल के एक युवक की मौत हो गई। लखनऊ में वरमाला हाथ में लिए खड़ी दुल्हन की मौत हो गई। मेरठ में कई युवा दोस्त पैदल जा रहे थे और एक को छींक आई और गिरकर उसकी मौत हो गई। गाजियाबाद में एक 35 वर्षीय जिम ट्रेनर की मौत हो गई। इन सभी युवाओं की मौत का कारण हार्ट अटैक माना गया। इन घटनाओं को मात्र संयोग माना जाए या फिर कुछ और।
वरिष्ठ फिजीशियन डा समीर गुप्ता कहते हैं कि यह सही है कि हार्ट अटैक जैसी बीमारी उम्र के आधार पर तय होती थी लेकिन स्थितियां बदल गई हैं। हृदय रोग विशेषज्ञ डा जीके सिंह ने बताया कि आने वाले मरीजों में दूसरे तीसरे दिन कोई न कोई युवा हृदय रोग से पीड़ित मिल रहा है।
इनसेट
युवाओं में हृदय रोग के ये हो सकते हैं कारण
डा समीर गुप्ता कहते हैं कि युवाओं में हृदय रोग के कई कारण हो सकते हैं। युवाओं में कोई अंडर लाइन डिस्ऑर्डर हो और उसकी जानकारी न होना सबसे बड़ा कारण हो सकता है। जैसे बल्ड प्रेशर हो और पता न होना, शुगर हो और पता न होना, अल्कोहलिक होना, कोलेस्ट्राल होना, मां बाप में हृदय रोग के कारण जेनेटिक होना भी कारण हो सकता है। इसके अलावा खान पान में फास्टफूड का सेवन जिसमें अधिक कैलोरी होती है। यह भी कारण हो सकता है।
इनसेट
क्या बरतें सावधानी
युवा हों या बुजुर्ग, हृदय रोग किसी में भी हो सकता है। इसके लिए सभी को व्यायाम नियमित रूप से करना होगा। डा समीर गुप्ता कहते हैं कि बदलाव के मौसम खास कर लोगों को सेहत का ख्याल रखना होगा। नियमित व्यायाम के साथ तले भुने फास्टफूड या अधिक आयली भोजन का त्याग करना होगा। नमक की मात्रा कम करनी होगी। रहन सहन में बदलाव के साथ नियमित रूप से रक्तचाप और हृदय की गति की जांच करानी चाहिए।
इनसेट
मिलें हृदय रोग विशेषज्ञ तो कंट्रोल हो दिल की बीमारी
गोंडा जिला अस्पताल का उच्चीकरण हो रहा है। अब यह नये साल से मेडिकल कॉलेज के रूप में परिवर्तित हो जाएगा। लेकिन इस मंडलीय अस्पताल में एक भी हृदय रोग विशेषज्ञ की तैनाती नहीं है। जांच के लिए कोई मशीन तक नहीं है। तीन साल से इस विभाग में ताला लगा है। मशीनें गायब हो चुकी हैं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here