कैसरगंज लोकसभा सीट पर एक बार फिर बाहुबली सांसद बृजभूषण सिंह का दबदबा होसकता है। क्या है पूरा समीकरण
राजमंगल सिंह –
Gonda up :- उत्तर प्रदेश की लोकसभा सीट में 80 सीट में कैसरगंज लोकसभा भी आती है. कैसरगंज लोकसभा सन 1952 में स्थापित की गई और कैसरगंज लोकसभा सीट में पांच विधानसभा आती हैं.
भारत के उत्तर प्रदेश लोकसभा चुनाव 2024 के लिए बीजेपी ने उत्तर प्रदेश में 51 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर दी है. बीजेपी की पहली लिस्ट में मौजूदा सांसदों को ही टिकट दिया गया है. वहीं बहुत जल्द ही बीजेपी की दूसरी लिस्ट भी जारी होगी और माना जा रहा है कि बीजेपी की दूसरी लिस्ट में कई सांसदों के नाम काटे जा सकते हैं. इसमें सबसे अधिक चर्चा में नाम यूपी की कैसरगंज लोकसभा सीट का है, क्योंकि जिस तरह से अफवाहों का झड़ लगा है की बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह पर लगे महिला पहलवानों के आरोपों के बाद इस सीट पर बीजेपी किसी दूसरे चेहरे को टिकट दे सकती हैं भाजपा. क्योंकि इस सीट पर बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह पिछले तीन चुनावों से जीतते आ रहे हैं और इस सीट पर उनका दबदबा है। लेकिन देखा जाए तो दबदबा लगभग 15 लोकसभा सीट पर हकीकत में है कैसरगंज सांसद बृजभूषण सिंह का दबदबा। अफवाहें तो बहुत है कोई तरबगंज विधायक प्रेम नारायण पांडे को लड़ा रहा है,तो कोई कर्नल गंज विधायक अजय सिंह को लेकिन हकीकत में अभी तक कोई भी प्रत्यासी इनमे से न तो कही छेत्र में ही ऐसा चर्चा किए और न ही कही से अफीसियल तरह से यह बात निकल कर आई है । यह अलग बात है की जिन सीटों में अभी टिकट वितरण नही हुवा है उन सीटों में सबसे अधिक चर्चा में केवल कैसर गंज लोकसभा सीट की चर्चा है। इससे भी साफ जाहिर होता है की कही न कही कैसर गंज सांसद का दबदबा अभी भी कायम है । उत्तर प्रदेश के युवाओं की पहली पसंद के नेता है बृजभूषण सरण सिंह। बृजभूषण शरण सिंह अपने नाम से ही नहीं बल्कि अपने काम से भी जाने जाते हैं। देवीपाटन मंडल के अंदर लाखों पास आउट बच्चों को सम्मान देकर उनके दिलों पर अपना कब्जा कर चुके हैं ऐसे में कहा जाता है जिसके पीछे युवाओं का सपोर्ट होता है उनको आगे बढ़ने से कोई नहीं रोक सकता। और आज का उजाला प्रतिष्ठित चैनल जिस तरह से उनके कार्यक्रमों को कवरेज किया है कहीं ना कहीं साफ देखा गया है युवाओं की पहली पसंद कैसरगंज सांसद बृजभूषण शरण सिंह बन चुके हैं। अगर ऐसे में भारतीय जनता पार्टी टिकट देने में कहीं गलती करती है तो शायद कैसरगंज से भारी नुकसान भारतीय जनता पार्टी को उठाना पड़ सकता है।