राजमंगल सिंह
डेस्क न्यूज
लोकसभा चुनाव 2024 का परिणामआने के यह तो बात साफ होगयी की ऐसे रहा तो उत्तरप्रदेश 2027 चुनाव भारतीय जनता पार्टी के लिए मुसीबत बढ़ सकती है ।
भगवान राम का आशीर्वाद लेनेके लिए देश के कोने-कोने से प्रत्याशी आए और अपना माथा श्री राम के चरणों में रखकर आशीर्वाद लिया जीतने का, लेकिन क्या ऐसा हुआ कि जहां पर श्री राम स्वयं विराजमान और जहां पूरेदेश में नरेंद्रमोदी शाहित भारतीय जनता पार्टी के बड़े-बड़े नेता राम मंदिरनिर्माण की बात करके जनता को रिझाने का प्रयास किया और उसी अयोध्या में भारतीय जनता पार्टी को हार कामुंह देखना पड़ा। कही ना कहीं गैप तो है
:1 ऐसा तो नहीं बृजभूषण शरण सिंह को टिकट न देकर भारतीय जनता पार्टी ने बड़ी भूल की।
2:- ऐसा तो नही भारत की राजनीति में सक्रिय राजपूतको, भारतीय जनता पार्टी का सौतेलापन व्यवहार का रहा हो असर
3:- क्या भारतीय जनता पार्टी के किए वादों से जनता संतुष्ट नहीं।
विश्लेषण
1:- गोंडा के गौरव सिंह उर्फ मोनू प्रधान मालथुवा का कहना है की अगर बृजभूषण सरण सिंह को टिकट अयोध्या से मिला होता तो देवीपाटन मंडल अयोध्या मंडल बस्ती मंडल सहित आसपास की सीट पर भी प्रभाव पड़ता और अधिक से अधिक सीट जीत सकते थे ,इसके साथ पूरे देश में राजपूतों को भी मैनेज करने का काम करते। टिकट न मिलने से आस पास मंडल सहित देश के राजपूतों में विरोध का नतीजा है यह।
2:- गोंडा के वैद्य प्रेम कुमार पांडे का कहना है प्रत्यासी का सही चैन न होना पेपर लीक के वजह से युवा नाराज अपने मुद्दे पर खरा न उतरना जिसके कारण हार का मुंह देखना पड़ा।
3:- वही अतुल यादव ने कहा स्थानीय मुद्दों को दरकिनार करना युवाओं के मुद्दों को दरकिनार करना बेरोजगारी के मुद्दे पर ध्यान न देना ओवर कॉन्फिडेंसमें आकर चुनाव लड़ना भारतीय जनता पार्टी के हार का प्रमुख कारण। वहीप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बारे में बताया केवल प्रमुख कार्यक्रमों में काशी में आना काशी की जनता को नजरअंदाज करना । स्थानीय मुद्दों को दरकिनार कर केवल मंदिर और गंगा घाट में पहुंचकर दिखाना यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कम वोट से जीतने के लिए काफी था।