*कलश स्थापन मुहूर्त*
सूर्योदय से लेकर रात्रि 10 बजे तक प्रतिपदा है तो दिन भर कलश स्थापन कर सकते हैं परन्तु कुछ विशिष्ट मुहूर्त भी हैं
सुबह 07/30 से 09/30 तक
मध्याह्न 11/30 से 12/30 अभिजित् में
अपराह्न 2 बजे से 04/20 तक
*अष्टमी व्रत* 16 अप्रैल 2024 मंगलवार को किया जाएगा।
17 अप्रैल 2024 बुधवार को शाम 05/30 तक नवमी है। जब तक नवमी है तब तक हवन आदि सम्पन्न कर लें।
*पारण* दशमी में 17 अप्रैल 2024 बुधवार को ही शाम 6 बजे से रात्रि 10 बजे तक कर लें।
भगवती सबका मंगल करें।
*(09 अप्रैल 2024) का पंचांग*-
*मास-* चैत्र मास।
*पक्ष*- कृष्ण शुक्ल।
*तिथि*- प्रतिपदा (रात 09:42 तक, तत्पश्चात् द्वितीया)।
*नक्षत्र*- रेवती (सुबह 07:56 तक तत्पश्चात् भरणी)।
*राहूकाल*- दोपहर 03:13 से दोपहर 04:47 तक। (इस काल में कोई भी शुभ कार्य का आरंभ नहीं किया जाता है)
*अग्नि वास*- स्वर्ग में (हवन करना अशुभ कारक है)।
*होमाहुति*- सूर्य।
*योग*- वैधृति (दोपहर 03:01 बजे तक, तत्पश्चात् विष्कुंभ)।
*श्रीसंवत्*- 2080
*संवत्सर*- पिंगल।
*दिशाशूल*- उत्तर में (यात्रा जरूरी हो तो गुड़ खाकर जाएं)
*वार-* मंगलवार।
*अयन-* उत्तरायण।
*अभिजित शुभ मुहूर्त*- सुबह 11:38 से दोपहर 12:28 तक।
शुक्र पूरब में हैं।
*अमृत काल*- रात्रि 10:38 से देर-रात 12:04 तक।
*पंचक*- सुबह 05:42 से सुबह 07:56 तक।
*भद्रा*- ………………….।
*सर्वार्थसिद्धि योग*- सुबह 07:56 से अगले दिन सुबह 05:41 तक।
*मूल(सत्तइसा*- सुबह 05:42 से 10 अप्रैल, बुधवार को सुबह 06:35 तक।
*मूल का वास*- पृथ्वी पर।(अशुभ)
*राहूवास*- पश्चिम में।
*चंद्रवास*- उत्तर में।
*सूर्योदय*- सुबह 05:42 पर।
*सूर्यास्त*- सायं 06:16 पर होगा।
*शिववास*- श्मशान में (मृत्यु तुल्य)।
*व्रत एवं त्योहार*- पंचक एवं वासंतीय नवरात्रि प्रारम्भ।
*घटस्थापना*- सुबह 09:52 से दोपहर 12:21 तक।
*(आचार्य पंकज कृष्ण शास्त्री जी*)
*भागवत कथा प्रवक्ता*
*अयोध्या धाम*
9792366298
6391222903