इस बार नवरात्रि में क्या है विशेष पढ़े आचार्य पंकज कृष्ण शास्त्री के लेख

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*नवरात्र विशेष….
नव संवत्सर की अनन्तानन्त शुभकामनाएँ।।
*प्रारम्भ* 09 अप्रैल 2024 मंगलवार
*समापन* 17 अप्रैल 2024 बुधवार

*कलश स्थापन मुहूर्त*
सूर्योदय से लेकर रात्रि 10 बजे तक प्रतिपदा है तो दिन भर कलश स्थापन कर सकते हैं परन्तु कुछ विशिष्ट मुहूर्त भी हैं
सुबह 07/30 से 09/30 तक
मध्याह्न 11/30 से 12/30 अभिजित् में
अपराह्न 2 बजे से 04/20 तक

*अष्टमी व्रत* 16 अप्रैल 2024 मंगलवार को किया जाएगा।

17 अप्रैल 2024 बुधवार को शाम 05/30 तक नवमी है। जब तक नवमी है तब तक हवन आदि सम्पन्न कर लें।
*पारण* दशमी में 17 अप्रैल 2024 बुधवार को ही शाम 6 बजे से रात्रि 10 बजे तक कर लें।

भगवती सबका मंगल करें।

*(09 अप्रैल 2024) का पंचांग*-

*मास-* चैत्र मास।
*पक्ष*- कृष्ण शुक्ल।
*तिथि*- प्रतिपदा (रात 09:42 तक, तत्पश्चात् द्वितीया)।
*नक्षत्र*- रेवती (सुबह 07:56 तक तत्पश्चात् भरणी)।
*राहूकाल*- दोपहर 03:13 से दोपहर 04:47 तक। (इस काल में कोई भी शुभ कार्य का आरंभ नहीं किया जाता है)
*अग्नि वास*- स्वर्ग में (हवन करना अशुभ कारक है)।

*होमाहुति*- सूर्य।

*योग*- वैधृति (दोपहर 03:01 बजे तक, तत्पश्चात् विष्कुंभ)।

*श्रीसंवत्*- 2080

*संवत्सर*- पिंगल।

*दिशाशूल*- उत्तर में (यात्रा जरूरी हो तो गुड़ खाकर जाएं)

*वार-* मंगलवार।

*अयन-* उत्तरायण।

*अभिजित शुभ मुहूर्त*- सुबह 11:38 से दोपहर 12:28 तक।

शुक्र पूरब में हैं।

*अमृत काल*- रात्रि 10:38 से देर-रात 12:04 तक।

*पंचक*- सुबह 05:42 से सुबह 07:56 तक।

*भद्रा*- ………………….।

*सर्वार्थसिद्धि योग*- सुबह 07:56 से अगले दिन सुबह 05:41 तक।

*मूल(सत्तइसा*- सुबह 05:42 से 10 अप्रैल, बुधवार को सुबह 06:35 तक।

*मूल का वास*- पृथ्वी पर।(अशुभ)

*राहूवास*- पश्चिम में।

*चंद्रवास*- उत्तर में।

*सूर्योदय*- सुबह 05:42 पर।

*सूर्यास्त*- सायं 06:16 पर होगा।

*शिववास*- श्मशान में (मृत्यु तुल्य)।

*व्रत एवं त्योहार*- पंचक एवं वासंतीय नवरात्रि प्रारम्भ।

*घटस्थापना*- सुबह 09:52 से दोपहर 12:21 तक।

*(आचार्य पंकज कृष्ण शास्त्री जी*)
*भागवत कथा प्रवक्ता*
*अयोध्या धाम*
9792366298
6391222903

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