इंडियन करेंसी का बांग्लादेश में चलता है रैकेट जाने पूरी रिपोर्ट क्या है पूरा मामला

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कब्र में मिले जाली करेंसी  के कागज बांग्लादेशी गिरोह में शामिल होने का मिला सबूत

प्रयागराज। अतरसुइया के मदरसा में नकली करेंसी छापने का सबूत पुलिस को मिले है। कब्र के अंदर जाली करेंसी छापने के कागज़ पुलिस कि मिले है। इस मामले में और भी खुलासे हुए है। बताया जा रहा है कि आरोपी मो. जाहिर बांग्लादेश के दो संगठनों के संपर्क में काफी समय से था। वह बांग्लादेश लोकेशन के वीडियो भी भी देखा करता था।
जांच एजेंसियों के मुताबिक, मो. जाहिर जब ओडिशा में रह रहा था तो वह उसी वक्त बांग्लादेश के मौलाना के संपर्क में आया। उसकी सर्च की गई हिस्ट्री में बांग्लादेश की कई लोकेशन सामने आई है। जिन्हें जांच एजेंसियां ट्रेस करने में जुटी हैं।
दरअसल, प्रयागराज में नकली
नोट छापने, बच्चों के ब्रेनवॉश करने, आर एस एस आतंकी संगठन शीर्षक वाली एक किताब रखने के मामले में आरोपी मौलवी समेत 4 आरोपियों को पुलिस ने रिमांड पर लिया था। आईबी, एटीएस और सिविल लाइन थाने की पुलिस ने सभी से करीब 7 घंटे पूछताछ की। जिसमें विदेशी फंडिंग और टेरर फंडिंग को लेकर भी पूछताछ की गई थी। चारों आरोपियों को लेकर टीमें दरियागंज कब्रिस्तान पहुंचीं। जो मजार के पीछे है। मजार के पीछे दो बंडल 500-500 शीट(कागज़) बरामद की गई। जिनसे नोट छापनी थीं। मो. जाहिर ने बताया कि इन बंडल की मदद से भी नोट छापना था। बताया जा रहा है कि मो. अफजल ने छापेमारी के डर से एक दिन पहले ही इन बंडलों को कब्रिस्तान में छिपा दिया गया था, प्रिंसिपल मौलवी
तफसीरुल आरीफीन के हिसाब से इन शीट से करीब 3 लाख रुपए के नकली नोट छापे जाने थे।
चारों आरोपियों के मोबाइल जांच एजेंसियों के पास हैं। एफएसएल की मदद से डेटा रिकवर किया जा रहा है। मोबाइल में कुछ वीडियो भी मदरसा के मिले हैं।

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