कैसे होगा गोंडा में 98000 मेट्रिक टन धान की खरीद

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 98 हजार मैट्रिक टन धान खरीदने का लक्ष्य , धान की कीमत 2040 और 2060 रुपया, आधी अधूरी तैयारियों के बीच बनाया गया 72 धान क्रय केंद्र, 10 से 15 दिन बाद ही किसान पहुंचेंगे धान बेचने ,ग्राउंड रिपोर्ट

गोंडा खासकर तो गन्ने के क्षेत्र में नंबर एक पर है लेकिन धान और गेहूं की भी खेती यहां पर प्रमुख रूप से होती है लेकिन इस बार धान लगाने के समय में बारिश ना होने के कारण किसानों ने धान की खेती कम कर दी कुछ धान समय से सिंचाई ना होने के कारण सुख भी गए तो कुछ लोगों ने जी जान लगाकर सिंचाई किया और जब दानों की कटाई नजदीक आई तो अधिक बारिश के कारण प्रमुख रूप से दो तहसील मैं जलभराव होने के कारण धान की फसल खत्म हो गई अब ऐसे में देखने वाली बात होगी गोंडा में क्या लक्ष्य पूरा हो पाएगा सरकार का पैसे खास रिपोर्ट

गोंडा ।जहां 1 नवंबर से जिले में धान क्रय केंद्र की शुरुआत कर दी गई है। इस बार किसानों की धान की लागत का मूल्य ₹2040 व रुपया 2060 प्रति कुंतल रखा गया है ।98 हजार मैट्रिक टन धान खरीदने का लक्ष्य रखा गया है धान खरीदने के लिए पूरे जिले में 72 से धान  क्रय केंद्र बनाया गया है आधी अधूरी तैयारियों के बीच गोंडा के नवीन गल्ला मंडी में धान क्रय केंद्र की शुरुआत कर दी गई है केंद्र प्रभारी तो आकर वहां बैठ गए हैं लेकिन जहां पर किसानों के धान खरीदी को रखा जाएगा वहां अभी गेहूं का स्टॉक लगा हुआ है आप नवीन गल्ला मंडी के जो अधिकारी हैं वह स्टॉक में रखे गेहूं को अलग शिफ्ट करवाने में जुटे हुए हैं ऐसे में सवाल यह उठता है कि अगर किसान अपने धान को बेचने के लिए नवीन गल्ला मंडी आएंगे तो किसानों के धान को कहां रखा जाएगा फिलहाल पूरे मामले पर डिप्टी आरएमओ प्रज्ञा मिश्रा का कहना है कि कुछ कमियां हैं जिसको जल्द ही दूर कर लिया जाएगा और 98 हजार मैट्रिक टन धान खरीद में कलश रखा गया है जिले में 72 क्रय केंद्र बनाए गए हैं जो भी मानक के अनुरूप होगा धान की खरीददारी की जाएगी और किसानों को 72 घंटे के अंदर उनका पेमेंट दिया जाए किसान पहले रजिस्ट्रेशन कराएंगे कराने के बाद यहां धान बेचने आएंगे और उनके धान का पैसा उनके खाते में दिया जाएगा और एक बात का ध्यान रखा जाएगा कि मोबाइल नंबर का रजिस्ट्रेशन करवाएं आधार कार्ड में मोबाइल नंबर होना चाहिए जिससे उनको कोई दिक्कत ना हो फिलहाल अभी किसानों के धान की फसल खेतों में लगी है और बीते दिनों हुई भारी बारिश और बाढ़ के चलते किसानों की फसल भी बर्बाद हुई है तो अभी लगभग 10 से 15 दिन बाद ही किसान धान क्रय केंद्रों पर अपने धान बेचने आएंगे फिलहाल हमारे विभाग के द्वारा सभी तैयारियां पूरी कर ली गई है।

 

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