आखिर कैसे जेल से मां सीता की खोज करते गायब हो गई दो वानर कैदी, ढूंढने में लगा दो प्रदेश का पूरा पुलिस महकमा।

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शारदीय नवरात्रि शुरू होते ही उत्तर प्रदेश उत्तराखंड समेत कई जगहों पर अलग-अलग तरीके से रामलीलाए आयोजित की जाती है उत्तराखंड में सरकार द्वारा जेल में रामलीलाएं आयोजित करने को लेकर के एक आदेश दिया गया था जिसके बाद हरिद्वार जेल में कई दिनों से कैदियों द्वारा खुद ही रामलीलाए अलग-अलग तरीके से की जा रही थी देर रात रामलीला के दौरान जब रावण माता सीता का हरण करके ले गया और रावण की खोज के लिए जब बंदरों को लगाया गया तो हरिद्वार जेल में बंद हरिद्वार के एक कैदी और गोंडा के एक कैदी बंदर की भूमिका में माता सीता को ढूंढने के लिए निकले लेकिन माता-सीता तो मिल गई घंटे बाद लेकिन वह दोनों बंदर कैदी अभी तक नहीं मिली दोनों कैदियों के फरार होने के बाद हरिद्वार जेल में हड़कंप मच गया और अब गोंडा जिला प्रशासन से संपर्क कर फरार कैदी की तलाश में हरिद्वार प्रशासन जुटा हुआ है सूचना मिलने के बाद उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी पूरे मामले में जांच करके कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।

माता सीता का खोज करने बंदर के रूप में निकले थे दो कैदी

दरअसल हरिद्वार जिला जेल में रामलीला हो रही थी और रामलीला में प्रसंग वश माता सीता की खोज करने के लिए दो वानर कैदी गोंडा के रहने वाले राम कुमार और रुड़की के रहने वाले पंकज कुमार दोनों माता-पिता की खोज करने के लिए गए हुए थे और निर्माण अधीन बाउंड्री वालों को खुद करके माता-पिता की खोज कर रहे थे इसी दौरान दोनों मौके का फायदा उठाकर के फरार हो गए बताया जा रहा है की जेल से फरार हुआ एक कैदी वाल्मीकि गैंग का है और हत्या के मामले में बंद था तो दूसरा कैदी किडनैपिंग के मामले में फरार चल रहा था अब दोनों कैदियों के फरार होने के बाद हरिद्वार जिला जेल प्रशासन में हड़कंप बचा हुआ है।

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