UP Gonda news-गोंडा जहाँ समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश अखिलेश यादव के निर्देश पर गोंडा जिले के नवाबगंज में बीते दिनों हुए पुलिस कस्टडी में युवक की मौत के मामले में सपा का डेलिगेशन मृतक युवक के घर पहुंचा और परिवार के प्रति शोक संवेदना व्यक्त करते हुए सरकार से एक करोड रुपए और एक सरकारी नौकरी की मांग की है साथ ही जिले के पुलिस कप्तान और जिम्मेदार अधिकारियों से 24 घंटे के अंदर आरोपियों की गिरफ्तारी की भी मांग की है। और अखिलेश यादव को पत्र लिखकर विधानसभा में मुद्दा उठाने और सदन के बाहर रखकर हम लोगों पीडित परिजनों को न्याय दिलाने का काम करेंगे पीड़ित परिजनों को सपा के डेलिगेशन ने आश्वासन दिया है। सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव के निर्देश पर सपा का डेलिगेशन पूर्व कैबिनेट मंत्री अवधेश प्रसाद, निवर्तमान यूथ ब्रिगेड जिला अध्यक्ष दिनेश यादव, निवर्तमान युवा जन सभा अध्यक्ष सरफराज हुसैन सोनू, जिला प्रवक्ता राजेश दीक्षित नवाबगंज के माझा राठ में मृतक देवनारायण यादव के पिता रामबचन से मुलाकात कर शोक संवेदना व्यक्त किए साथ ही मृतक के पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर सवाल उठाते हुए कहा कि लगता है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत के करण को अरजेस्ट किया गया है। क्योंकि लाश जलाई नहीं गई है दफना आई गई है। ऐसे तमाम मामले आए है लाश को फिर से इस का पोस्टमार्टम गोंडा के बाहर कहीं से कराया जाए। वहीं पुलिस कस्टडी में हुए युवक की मौत के इस मुद्दे को आगामी दिनों में होने वाले विधानसभा सत्र में उठाने का आश्वासन देते हुए भारतीय जनता पार्टी पर जमकर निशाना साधा और आरोप लगाया कहा कि इस बीजेपी की सरकार में कई लोगों की पुलिस कस्टडी में मौत हो गई है लेकिन उसके बावजूद भी सरकार पीड़ितों को न्याय नहीं दे रही है।
पूर्व कैबिनेट मंत्री अवधेश प्रताप ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार से मांग करते हैं कि इसमें किसी भी प्रकार के सबूत की आवश्यकता नहीं है। जग जाहिर है कि पुलिस की कस्टडी में मौत हुआ है निश्चित तौर से इसमें पुलिस दोषी है। निलंबित पुलिस कर्मियों का घर पुलिस लाइन नहीं है उनका घर जेल खाना है। हम मांग करते हैं कि जो भी इसमें आरोपी हैं 24 घंटे के अंदर जिले के पुलिस कप्तान और जिम्मेदारी अधिकारी गिरफ्तार करके जेल भेजें। यह पुलिस उत्तर प्रदेश सरकार की है तो सरकार के पुलिस द्वारा कस्टडी में इसकी मौत हुई है जिसका कोई विषाल नहीं है। इसको 1 करोड़ रुपए रोते बिलखते परिवार को दिया जाए और एक सरकारी नौकरी दी जाए क्योंकि मृतक बिजली विभाग में संविदा पर था और सरकारी नौकरी की तैयारी भी कर रहा था।