बिना शैक्षिक योग्यता के आखिर कैसे मिल गई नौकरी, गोंडा में सब कुछ संभव है गुरु जी की कृपा से,
गोंडा में कौन है लेखा विभाग को जो उंगलियों पर है नाचाता, नौकरी के नाम पर करोड़ों लेकर गोंडा से फरार
गोंडा लेखा विभाग में करोड़ों रुपये का एरियर के रूप में होरहा भुगतान,
गुरु जी की कृपा से गोंडा में जांच एजेंसी भी हुई फेल, कौन है गुरु जी यह भी जल्द खुलेगा पोल
गोंडा जिले के भाजपा नेता राजकुमार दुबे पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। इन आरोपों में सरकारी विद्यालय में फर्जी दस्तावेजों से नौकरी करने, सरकारी धन का दुरुपयोग करने और आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का आरोप शामिल है। शिकायतकर्ता शिवकुमार तिवारी का कहना है कि राजकुमार दुबे, जो बालक भगवान लघु माध्यमिक विद्यालय भट्टपूरवा में अनुचर के पद पर तैनात हैं, फर्जी डिग्रियां पेश करके इस पद पर कार्यरत हैं। तिवारी का आरोप है कि दुबे कभी विद्यालय नहीं जाते, न ही अपनी हाजिरी लगवाते हैं, फिर भी उन्हें 60,000 रुपये महीने की सैलरी जिला कोषागार से मिल रही है।
तिवारी ने दावा किया कि राजकुमार दुबे ने गांव के खास लोगो से रजिस्टर मंगवाकर विद्यालय में अपनी फर्जी हाजिरी लगवाते हैं, जिससे वे सैलरी प्राप्त कर रहे हैं। इस मामले को लेकर तिवारी ने गजट की जांच की मांग की है और आरोप लगाया कि दुबे की सैलरी की रिकवरी भी की जानी चाहिए। इसके अलावा, तिवारी ने यह भी आरोप लगाया कि दुबे के पास अत्यधिक संपत्ति है, जो उनकी सैलरी के हिसाब से मेल नहीं खाती। तिवारी के अनुसार, दुबे के पास 100 बीघा जमीन, लक्ष्मीग्राम में 4000 वर्ग फीट का मकान और तीन लग्जरी कारें हैं, जिनकी कुल कीमत करोड़ों में है। तिवारी का यह भी कहना है कि दुबे ने अपनी काली कमाई से ये संपत्तियां अर्जित की हैं और इनकी जांच होनी चाहिए।
राजकुमार दुबे पर एक और गंभीर आरोप यह भी है कि उनके पास लाइसेंसी रिवाल्वर, पिस्टल और राइफल जैसी सुरक्षा सामग्री है, जो नियमों के खिलाफ है। तिवारी के अनुसार, ये हथियार दुबे के पास बिना किसी उचित कारण और प्रशासनिक अनुमोदन के हैं, और इन्हें काली कमाई से खरीदा गया है।
मामला सामने आने के बाद, गोंडा पुलिस अधीक्षक विनीत जायसवाल ने इस मामले की जांच के आदेश दिए हैं। साथ ही, गोंडा जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी अतुल कुमार तिवारी ने भी इस मामले की जांच के लिए इटियाथोक के खंड शिक्षा अधिकारी को जांच अधिकारी नियुक्त किया है। खंड शिक्षा अधिकारी को विद्यालय के प्रबंधक और राजकुमार दुबे से संबंधित सभी अभिलेखों की जांच करने के निर्देश दिए गए हैं। हालांकि, अभी तक अभिलेखों की उपलब्धता सुनिश्चित नहीं हो सकी है, लेकिन जांच प्रक्रिया जारी है और कार्रवाई की संभावना जताई जा रही है।
बेसिक शिक्षा विभाग ने भी इस मामले को गंभीरता से लिया है, हालांकि आय से अधिक संपत्ति की जांच जिलाधिकारी के माध्यम से कराई जाएगी, क्योंकि यह शिक्षा विभाग के अधिकार क्षेत्र में नहीं आता। इसके अलावा, एक और गंभीर आरोप सामने आया है कि राजकुमार दुबे बिना किसी प्रशासनिक अनुमोदन के गनर के साथ खुलेआम घूमते हैं। इसका एक फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है, और पुलिस ने इस संबंध में भी जांच शुरू कर दी है।
यह मामला अब राजनीतिक और प्रशासनिक स्तर पर चर्चा का विषय बन चुका है, और यह उम्मीद जताई जा रही है कि जांच पूरी होने के बाद दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। यह पूरे मामले की गंभीरता को देखते हुए गोंडा जिले में एक बड़ा विवाद बन गया है, और लोगों की नजरें जांच के परिणाम पर लगी हैं।