करनैलगंज(गोंडा)। मोहल्ला सकरौरा में हजरत बाबा बैठकी शाह रहमतुल्लाह अलैह का दो रोजा सालाना उर्स हर साल की तरह इस साल भी बुधवार व गुरुवार को आयोजित हुआ जिसमें बुधवार को पूरी रात्रि सूफियाना कव्वाली हुई तथा दूसरे दिन आल इंडिया नातिया मुशायरा आयोजित हुआ।जिसकी अध्यक्षता उस्ताद शायर रहबर ताबानी दरियाबादी व संचालन शमीम अख्तर अच्छन पूर्व नपाप अध्यक्ष व मौजूदा प्रतिनिधि करनैलगंज ने किया।कमेटी के अध्यक्ष फहीम अगमद पप्पू ने शायरों का माल्यार्पण कर स्वागत किया। शमसुल्हक अतिथि के रूप में शामिल हुए।अध्यक्षता कर रहे रहबर ताबानी ने कहा- छिड़ी रसूल की इस आन बान से बातें जमीन करने लगी आसमान से बातें। वरिष्ठ शायर शब्बीर अहमद शबनम ने कहा- हस्सान ने जो नात सुनाई हुज़ूर को जन्नत का उनको आपने मुजदा सुना दिया।
मालेगाँव महाराष्ट्र से तशरीफ़ लाये मेहमान शायर वाहिद अंसारी ने कहा-
कोई रसूल न आया मेरे रसूल के बाद
खिला न फूल कोई आमिना के फूल के बाद।
हरदिल अज़ीज शायर वसीम रामपुरी ने पढ़ा-
मुहम्मद मुस्तफा पर अपना जो ईमान रखते हैं
ज़माने भर से वह अपनी अलग पहचान रखते हैं।
मशहूर शायर मुजीब अहमद सिद्दीकी ने कहा-
सर्फे सनाये सय्यदे कौनैन क्यूँ न हो
लौहो क़लम का हुस्न ही नाते नबी से है।
लोकप्रिय शायर काविश रूदौलवी ने बहुत ही खूबसूरत शेर पेश किया-
गुलाब तू जो महकता है रोज खिल खिल कर
तुझे नबी का पसीना कहाँ से मिलता है।
अपने खास अंदाज में उस्मान मीनाई बाराबंकवी ने कहा-
आशिक उनके कोई महदूद नहीं दुनिया तक
एक आशिक है खुद अल्लाह तआला उनका।
कलीम तारिक सैदनपुरी ने जिक्रे सरकारे दो आलम पर कहा-
जिक्रे सरकार कर रहा हूँ मैं
लम्हा लम्हा संवर रहा हूँ मैं।
नौजवान शायर फहीम पिहानवी हरदोई ने मदीने की बात की
रहमतों की ठंडक है इस कदर मदीने में
शाम जैसी लगती है दोपहर मदीने में।
फखरुल इस्लाम संतकबीरनगरी ने जोर देकर कहा
सरकारे दो आलम से जिसे प्यार न होगा
वह शख्स कभी खुल्द का हकदार न होगा।
कारी मासूम रजा ने वालिदैन की अहमियत बताते हुए पढ़ा
अगर मां बाप के कदमों में तेरी हाज़िरी न हो
मज़ारे औलिया पर हाज़िरी से कुछ नहीं होगा।
शादाब सरल बहराइची ने यूँ श्रद्धा सुमन अर्पित किया
आपका जब भी लिया नाम रसूले अरबी
बन गए बिगड़े हुए काम रसूले अरबी।
साथ ही याक़ूब अज़्म गोंडवी,जाहिद जहाना गंजवी व सगीर सिद्दीकी ने नातिया कलाम पेश किया।संयोजक फहीम अहमद पप्पू ने धन्यवाद ज्ञापित किया।कार्यक्रम में हाजी नाफ़े राईनी, महबूब अंसारी,मुहम्मद रफी सभासद,मुहम्मद सलीम, अकबाल आलम सभासद,इरफान सभासद, साबिर सभासद,अली अहमद ननकू,हाजी वसीम अहमद,अहमद अली अंसारी, मुहम्मद कलीम,तनवीर अहमद,आवेश राईनी, अल्ताफ हुसैन राईनी, नियाज कमर,खुर्शीद आलम व कौसर सलमानी सहित भारी संख्या में लोग मौजूद रहे।