. गोसाईगंज (अयोध्या)
गोसाईगंज नगर के दशरथ वाटिका में भागवत कथा के प्रथम दिन पंडित ज्ञान चंद त्रिवेदी ने कहा कि काशी ज्ञान की नगरी है अयोध्या बैराग की और वृंदावन भक्ति की नगरी है यहां पहुंचने के बाद लोग भक्ति रस में डूब जाते हैं
श्रीमद्भागवत आध्यात्मिक तत्वों को प्रकाशित करने वाला अद्वितीय दीपक है।
भगवान नारायण ने सृष्टि के आरंभ में किंकर्तव्यविमूढ़ ब्रह्मा को करुणावश इस ज्ञानदीप का दान किया था। ब्रह्माजी ने नारदजी को नारद जी ने व्यास जी को व्यास जी ने शुकदेव जी को तथा शुकदेव जी से राजा परीक्षित को प्राप्त हुआ। यह जो श्रीमद्भागवत है यह अत्यंत रहस्यों से भरा हुआ है। श्रीमद्भागवत की अपूर्व शोभा यह है कि इसमें ज्ञान ,वैराग्य और भक्ति सहित नैष्कर्म्य का निरूपण है ।यह वैष्णवों का परम धन है। इसमें स्पष्ट रूप से कहा गया है कि इसके श्रवण मात्र से भगवान हृदय में विराजित हो जाते हैं। श्री शुकदेव जी महाराज भागवत जी में अपना मंतव्य प्रकट करते हुए कहते हैं कि जो बुद्धिमान पुरुष हैं वे चाहे सारी कामनाओं से रहित या समस्त कामनाओं से युक्त मोक्ष की भी कामना करते हैं उन्हें भगवान कृष्ण की आराधना से सब सहज उपलब्ध हो जाता है ।धुंधकारी जैसा पापी प्रेत योनि से मुक्त हो गया सात दिन तक एकाग्रचित्त कथा श्रवण मात्र से। कायिक वाचिक मानसिक सभी प्रकार के पाप भागवत श्रवण से उसी प्रकार भस्म हो जाते हैं जैसे आग से सूखी लकड़ी जलकर राख बन जाती है। भागवत जी उपदेश नहीं अपितु उपचार हैं।
भक्ति रसपान करने वालों में प्रमुख रूप से सियाराम कसौधन एडीएम कानपुर देहात जगदंबा प्रसाद गुप्ता पूर्व सभासद विजय कसौधन विजय तिरंगा हेमंत कसौधन प्रवेश कसौधन राहुल कसौधन राजेश कुमार बीमा बीना कसौधन आदि उपस्थित थे