3 मार्च को होगा छठें चरण का मतदान
सात चरणों में होने वाला यूपी विधानसभा चुनाव छठे चरण में 56 सीटों पर होगा। तीन मार्च को 10 जिलों में वोट डाले जाएंगे। छठे चरण में बलरामपुर, सिद्धार्थनगर, महराजगंज, कुशीनगर, गोरखपुर, संतकबीर नगर, बस्ती, अंबेडकर नगर, देवरिया, बलिया में वोटिंग होगी।
इन 56 विधानसभाओं में होगा छठे चरण का चुनाव
कटेहारी, टांडा, अलापुर (एससी), जलालपुर, अकबरपुर, तुलसीपुर, गेनसारी, उतरौला, बलरामपुर (एससी), शोहरतगढ़, कपिलवस्तु (एससी), बंसी, इतवा, डोमरियागंज, हररैय्या, कप्तानगंज, रुधौली, बस्ती सदरी, महादेवा (एससी), मेंहदावली, खलीलाबाद, धनघाटा (एससी), फरेंदा, नौतनवा, सिसवा, महाराजगंज (एससी), पनियार, कैम्पियारगंज, पिपराइचो, गोरखपुर अर्बन, गोरखपुर ग्रामीण, सहजनवा, खजानी (एससी), चौरी-चौरा, बांसगांव (एससी), चिलुपारी, खड्ड, पडरौना, तमकुही राजो, फाजिलनगर, कुशीनगर, हट, रामकोला (एससी), रुद्रपुर, देवरिया, पथरदेव, रामपुर कारखाना, भाटपर रानी, सलेमपुर (एससी), बरहाजो, बेलथरा रोड (एससी), रसरस, सिकंदरपुर, फेफाना, बलिया नगर, बांसडीह, बैरिया।
विधानसभा चुनाव के छठे चरण में भाजपा के हिंदुत्ववादी नेता सांसद महंत आदित्यनाथ के संसदीय क्षेत्र गोरखपुर, भाजपा से बगावत कर सपा का दामन थामने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य और केंद्रीय मंत्री कलराज मिश्र के संसदीय क्षेत्र देवरिया पर ख़ास नज़र रहेगी।
विकास नहीं है मुद्दा
वैसे अगर देखा जाए तो पूर्वी उत्तर प्रदेश का यह इलाका पश्चिम की तुलना में ज्यादा पिछड़ा हुआ है। इलाके में इंसेफ्लाइटिस, पानी में आर्सेनिक की समस्या और बुनकरों से जुड़ी तमाम समस्याएं हैं लेकिन फिर भी चुनाव में यह मुद्दा नहीं है।
इस चुनाव में विकास कही भी मुद्दा नहीं है। रिश्वतखोरी, भ्रष्टाचार, परिवारवाद, अपराध सब चुनाव में अपने ढंग से अपनी भूमिका निभा रहे हैं। सारे आदर्श हवा में हैं। सारे जरूरी मुद्दे गायब हैं।
160 करोड़पति उम्मीदवार
छठे चरण के चुनाव में कुल 160 करोड़पति उम्मीदवार मैदान में हैं, जबकि 126 उम्मीदवारों के खिलाफ आपराधिक मामले हैं. यूपी इलेक्शन वॉच और एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है. रिपोर्ट में छठे चरण के चुनाव में खड़े 78 सियासी दलों के सभी 635 उम्मीदवारों के हलफ़नामों का विश्लेषण किया गया. इसके अनुसार 635 उम्मीदवारों में से 160 करोड़पति हैं।
पार्टियों के हिसाब से देखें तो रिपोर्ट के मुताबिक बसपा के 49 उम्मीदवारों में से 35, भाजपा के 45 उम्मीदवारों में से 33, सपा के 40 उम्मीदवारों में से 28, कांग्रेस के 10 उम्मीदवारों में से छह, रालोद के 36 उम्मीदवारों में से आठ और 175 निर्दलीयों में से 23 ने एक करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति घोषित की है. इस चरण में उतरने वाले प्रत्येक उम्मीदवार के पास औसतन 1.59 करोड़ रुपये की संपत्ति है।
सर्वाधिक अमीर तीन उम्मीदवार बसपा से हैं. इनमें शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली की कुल संपत्ति 118 करोड़ रुपये है. उनके बाद विनय शंकर हैं, जिनकी कुल संपत्ति लगभग 67 करोड़ रुपये है और तीसरे हैं एजाज़ अहमद, जिनकी संपत्ति लगभग 52 करोड़ रुपये है।
60 महिला उम्मीदवार चुनावी मैदान में
एडीआर के मुताबिक कुल उम्मीदवारों में से 126 ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले होने की जानकारी दी है। 109 उम्मीदवारों के खिलाफ हत्या, हत्या का प्रयास, अपहरण, महिलाओं के खिलाफ अपराध जैसे गंभीर आपराधिक मामले हैं. रिपोर्ट के मुताबिक 229 उम्मीदवारों ने पांचवीं और बारहवीं कक्षा तक पढ़ाई की है।
338 उम्मीदवार स्नातक या इससे अधिक पढ़े-लिखे हैं. 38 ने खुद को साक्षर बताया है, जबकि तीन निरक्षर हैं. इस चरण में 60 महिला उम्मीदवार चुनावी मैदान में उतर रही हैं।
छठे चरण में सांसद आदित्यनाथ के अलावा पूर्व केंद्रीय सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग मंत्री कलराज मिश्र की प्रतिष्ठा भी दांव पर होगी।
छठे चरण में होने वाले चुनाव में प्रमुख उम्मीदवारों में, भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सूर्य प्रताप शाही (देवरिया), पूर्व मुख्यमंत्री राम नरेश यादव के बेटे श्याम बहादुर यादव (फूलपुर पवई), सपा छोड़कर बसपा में शामिल हुए पूर्व मंत्री अंबिका चौधरी (फेफना) और नारद राय (बलिया सदर) शामिल हैं।