शिवालयों में जलाभिषेक कर मांगी मन्नत
गोंडा।पौराणिक पृथ्वीनाथ मन्दिर सहित विभिन्न शिवालयों में मंगलवार को महाशिवरात्रि पर शिव भक्तों की आस्था भोर से हिलोरें मारने लगी। अयोध्या के नागेश्वर नाथ, पृथ्वीनाथ स्थित भव्य शिवलिंग, गोंडा नगर स्थित दुखहरननाथ, बालेश्वर नाथ मंदिर में हजारों श्रद्धालुओं ने जलाभिषेक व पूजन-अर्चन किया। कोरोना काल के कारण दो वर्ष के बाद मेले का आयोजन हुआ।जिसमें भोर पहर से ही श्रद्धालुओं का उमड़ा हुजूम। चुनाव के कारण भारी भीड़ के चलते कम पुलिस व पी ए सी बल को काफी मसक्कत करनी पड़ी।
गोंडा जिले के खरगूपुर से पश्चिम तीन किलो मीटर दूरी पर भीम द्वारा स्थापित प्रसिद्ध पृथ्वीनाथ शिव मन्दिर का कपाट खुलने के बाद भोर से ही महिला-पुरुष श्रद्धालुओं की अलग अलग लाइनें लग गई थी।जिन्होंने बारी-बारी से मन्दिर के गर्भगृह में जलाभिषेक किया।मन्दिर परिसर व गर्भगृह ओम नमः शिवाय, बम-बम भोले, जय महाकाल आदि के उदघोष से गूंजायमान रहा। श्रद्धालुओ ने मन्दिर स्थित विशाल शिवलाट पर जल, दुग्ध, गंगाजल, बेलपत्र, शमी,पुष्प,धतूर,भांग,गन्ना,बेर आदि से जलाभिषेक किया। यहां जलाभिषेक के अलावा श्रद्धालुओं ने रुद्राभिषेक, सिंगार पूजा, महामृत्युंजय जप भी कराया। मेले में लगी विभिन्न प्रकार की दुकानों पर खासकर महिलाओं व युवतियों ने जरूरत की सामानों की खरीददारी की। महाशिवरात्रि का विशेष महत्त्व होने के चलते गोंडा, बलरामपुर, बहराइच,श्रावस्ती सहित क्षेत्र के विभिन्न स्थानों से अलग-अलग साधनों द्वारा भोर से ही श्रद्धालुओं का यहां पहुंचना शुरू हो गया था। मन्दिर के महंत जगदम्बा प्रसाद तिवारी ने बताया कि यहां 50 हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने जलाभिषेक किया।सुरक्षा के मद्देनजर प्रभारी निरीक्षक सतानन्द पांडेय ,अतिरिक्त पुलिसकर्मियों व पी ए सी बल गर्भगृह व मेला परिसर में मुस्तैद रहै।वहीं क्राइम इन्वेस्टिगेशन संस्था के राष्ट्रीय अध्यक्ष अजय सिंह व मंडल प्रभारी सन्तोष पांडेय 50 से अधिक कार्यकर्ताओं के साथ जलाभिषेक कराने में महती भूमिका अदा की। मेले को शांतिपूर्ण माहौल में सहयोग कराने के लिए चौपहिया व दो पहिया वाहनों को वैरिकेटिंग लगाकर बाहर ही रोक दिया गया था। महाशिवरात्रि के अवसर पर भोर से शुरू हुआ जलाभिषेक का सिलसिला सायं तक जारी रहा।
6 मई को वृश्चिक लग्न में खुलेगा केदारनाथ का कपाट
केदारनाथ धाम के कपाट खुलने को तिथि निर्धारित, 6 मई को वृश्चिक लग्न में सुबह 6.25 बजे खुलेंगे कपाट, 1 मई को भैरवनाथ की पूजा सम्पन्न होगी। 2 मई को ओंकारेश्वर से केदारनाथ प्रस्थान करेगी बाबा की डोली,। 5 मई को केदारधाम पहुंचेगी पंचमुखी डोली। 6 मई को वृश्चिक लग्न में बाबा का कपाट खोला जाएगा।