गोंडा में आगामी बाढ़ से निपटने के लिए जिला प्रशासन लगातार तैयारियों में जुटा हुआ है तो आज बाढ़ से कैसे निपटा जाए बाढ़ में फंसे लोगों को कैसे बचाया जाएगा मॉक ड्रिल किया गया तरबगंज तहसील क्षेत्र के जैदपुर माझा गांव में मार्क ड्रिल किया गया जिसमें जिलाधिकारी व बाढ़ खंड के अधिकारी के साथ आपका के अधिकारी एसडीआरएफ और पीएससी और एंबुलेंस की टीम मौजूद रही अगर एकाएक नदी में पानी आ जाता है तो जिला प्रशासन किस तरीके से गांव में फंसे लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया लोगों के रहने खाने की क्या व्यवस्था की जाएगी जो लोग नदी में फंसे हैं उनको किस तरीके से एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीम निकालकर एंबुलेंस तक पहुंचाएगी सभी का एक रिहर्सल किया गयाऔर बाढ़ पीड़ितों को कैसे राहत सामग्री पहुंच आनी है जिसमें आपदा के अधिकारी के साथ पुलिस विभाग के अधिकारी स्वास्थ विभाग की टीम एनडीआरफ एसडीआरएफ और सिंचाई विभाग के साथ बाढ़ खंड के अधिकारी मौजूद रहे।
वही परे मामले पर जिले के जिलाधिकारी डॉ उज्जवल कुमार ने बताया है कि आज यूपी के 40 जिलों में उप जिला अधिकारी के तत्वाधान में एनडीएमें एसडीमें और डीडीएमें तीनों के सहयोग से मॉक ड्रिल का एक्सरसाइज किया जा रहा है हम लोग आज जनपद गोंडा के सरयू नदी के किनारे जैदपुर माझा गांव में उपस्थित हैं यहां पर बाढ़ का खतरा हमेशा बना रहता है जब नदी में जलस्तर ज्यादा रहता है तो अचानक से वहां पर बाढ़ आती है उसी को लेकर हम लोगों ने मोबाइल एक्सरसाइज किया है उसके लिए पूरी हमारी टीम यहां मौजूद है यहां पर एडीएम से लेकर अपर पुलिस अधीक्षक हमारे हमारे मेडिकल विभाग की टीम राहत की टीम एसडीआरएफ की टीम सभी लोग यहां पर उपस्थित हैं एसडीआरएफ ने सबसे महत्वपूर्ण योगदान दिया है जो 5 लोग नदी के उस पार खाते थे उनको निकाल कर सुरक्षित लाया गया है अगर कोई डूबा हुआ है तो उसके सर्च के लिए हमारी एसटीआरएफ की टीम गई थी उन्होंने सर्च करके दिखाया है इसके अतिरिक्त लोगों को बार-बार राहत कैंप तक पहुंचाया है जो मेडिकल टीम है उन्होंने मेडिकल ट्रीटमेंट दिया है और बाढ़ पीड़ितों को राहत कीट बांटा गया है पूरी टीम में बहुत अच्छे से मॉक ड्रिल एक्सरसाइज किया है इसके लिए ग्रामीण का भी योगदान रहा है।
लेकिन जिस तरह से जिला प्रशासन बाढ़ से निपटने के लिए हर संभव प्रयास के लिए तत्पर है आषाढ़ मास का आधा महीना बीत गया लेकिन बारिश की बूंद के लिए किसान तरस रहे हैं किसानों के धान की फसल अब भगवान भरोसे किसानों का कहना है की प्रकृति अभी बारिश ना होकर हमको धान लगाने नहीं दे रही और किसी प्रकार से अगर धान की फसल को हम लोग लगा लेंगे तो काटने के वक्त ईतनी बारिश हो जाएगी कि हम लोग की फसल बर्बाद हो जाएगी वही गोंडा में बारिश हो या ना हो दो तहसील बाढ़ से प्रभावित रहती है बाढ़ आने से हजारों किसान की फसल बर्बाद हो जाती है और जिस जगह बाढ़ नहीं है उस जगह बारिश ना होने से किसान परेशान हो जाते हैं।