नारको टेस्ट से साफ क्लियर हो जाएगा धरने पर बैठे पहलवान किस खड़यंत्र में लगे है

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कैसरगंज सांसद बृजभूषण शरण सिंह कुछ शर्तों के साथ नारको टेस्ट कराने को तैयार

गोंडा कैसरगंज के सांसद बृजभूषण शरण सिंह और कुश्ती संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष के ऊपर यौन शोषण जैसा गंभीर आरोप देश के उन खिलाड़ियों ने लगाया है जो देश की शान कहे जाते है । लेकिन इन खिलाड़ियों ने आरोप क्यों लगाया किसी के बहकावे में आकर ऐसा किया या फिर कोई बड़ा बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ खड़यंत्र है। इसकी गुत्थी सुलझने का नाम नहीं ले रही वहीं दिल्ली पुलिस लगातार जांच की बात कह रही जांच चल रही है पहलवानों का कहना है बृजभूषण शरण सिंह का नारको टेस्ट कराया जाए , लेकिन वही अन्य जूनियर खिलाड़ियों की बात की जाए तो उनका साफ तौर पर कहना है नेताजी ने कुश्ती को काफी आगे बढ़ाया है और हर तरह की सुविधा हम लोगों को दिया है प्रदेश के कोने-कोने से जूनियर खिलाड़ियों का बयान आ रहा है जो कैसरगंज सांसद बृजभूषण शरण सिंह के पक्ष में है । वही अब धरने पर बैठे जो खिलाड़ी है उनका साथ देने के लिए खाप पंचायत अन्य विरोधी दल भी अब भुनाने में लग गए हैं । ऐसे में बृजभूषण शरण सिंह के भी समर्थक लाखों की संख्या में टकटकी लगाए बैठे हैं एक इशारा नेताजी के तरफ से हो तो लाखों की संख्या में लोग कैसरगंज सांसद बृजभूषण शरण सिंह के समर्थन में जंतर मंतर पहुंच जाएंगे। वही कैसरगंज सांसद बृजभूषण शरण सिंह आज अपने निज निवास विसनोहरपुर नबाबगंज पर पलटवार करते हुए कहा

 कि मैं उनकी मांग पूरा करने को लेकर तैयार हूँ। कहा मुझे नार्को टेस्ट कराने में कोई दिक्कत नहीं है और आरोप लगाने वाले सभी पहलवानों का भी नार्को टेस्ट कराया जाए विनेश फोगाट और बजरंग पुनिया का भी टेस्ट कराया जाए और इस आंदोलन के बीच मंशा क्या है खड़यंत्र क्या है उसको नार्को टेस्ट के द्वारा पता लगाएं जाए और साथ ही साथ मेरा भी नार्को टेस्ट करा लिया जाए ये मांग मैं उनकी पूरी करने के लिए तैयार हूँ। लेकिन जितने भी खिलाड़ी ने आरोप लगाया है आरोप तो मैंने लगाया नहीं उनके भी नार्को टेस्ट कराया जाए साथ ही साथ मेरे भी नार्को टेस्ट कराए जाएं जिससे पता लग सके कि इस खड़ी यंत्र के पीछे कौन है या सच्चाई क्या है सच्चाई देश की जनता के सामने आ जाएगी इसके लिए मैं तैयार हूं पहलवान लोग जुडिशरी को वो मान कहा रहे हैं। आज 4 महीना हो गया मैंने शुरुआत में पूछा था कब हुआ कहां हुआ किसके साथ हुआ क्या हुआ कोई ऑडियो हो कोई वीडियो हो फोन कॉल की डिटेल हो कोई फोटो हो एक कहानी लेकर यह लोग लगातार लगातार चल रहे हैं। अब रहा सवाल ज्यूडिशरी का यह लोग सुप्रीम कोर्ट गए सॉलिसिटर जनरल ने पहले ही कह दिया था भारत सरकार की एफ आई आर दर्ज करने में कोई दिक्कत नहीं है और एफआईआर लिखने में कोई आपत्ति नहीं है और एफआईआर जांच हो रही है। लेकिन उसके पहले इनकी डिमांड बढ़ गई बातों बातों में सवाल यह दिल्ली पुलिस और उठा रहे हैं मैंने आज के लगभग 20 दिन पहले कहा था। दिल्ली पुलिस के जांच का आदेश हुआ था कहा था कि अगर इनको दिल्ली पुलिस पर भरोसा नहीं है तो मैंने कहा कि अभी कपिल सिब्बल जी हैं। अच्छा हो कि जा करके कह दीजिए कि पुलिस पर भरोसा नहीं है। सीबीआई जांच करा लीजिए या देश की कोई अन्य एजेंसी हो उससे जांच करा लीजिए बाहर की कोई एजेंसी तो आएगी नहीं अब दिल्ली पुलिस की जांच हो रही है और इनकी डिमांड बढ़ती जा रही है। अच्छा होता एफआईआर लिखी गई है उसी दिन यह घर चले जाते हैं और पुलिस के जांच का इंतजार करते। जांच कमेटी की जांच का इंतजार करती है भारतीय ओलंपिक संघ की जांच कमेटी का इंतजार करती है खेल मंत्रालय की जांच का इंतजार करते और इंतजार नहीं किया अब इनकी डिमांड बढ़ रही है। अगर इनको लगता है कि नार्को टेस्ट से सच्चाई सामने आ जाएगी तो मैं उसके लिए तैयार हूं हां जितने लोगों ने भी आरोप लगाए हैं इनके साथ बजरंग पूनिया और विनेश फोगाट का भी और जिन जिन खिलाड़ियों ने आरोप लगाया है और हम हमारे ऊपर केवल लगाए हैं तो इस पक्ष से केवल हम हैं उस पक्ष से यह 7 या 8 हैं जो है सब की जांच होनी चाहिए जांच करा ली जाए यह मुद्दा समाप्त होना चाहिए बहुत लंबा नहीं चलना चाहिए।पहलवानों द्वारा लगातार किए जा रहे धरना प्रदर्शन पर कहा कि खेल का नुकसान हो रहा है। ट्रायल कराया है ट्रायल होना चाहिए डालकर आ गया है उसने भी सहयोग किया गया है लेकिन आज विशेष करके बच्चियां अभी नई-नई अखाड़े पर आई थी जिन्होंने कस्टुम खरीद लिया था जूता खरीद लिया था उनकी संख्या घट रही है और गार्जियन अपने बच्चों को वापस ले जा रहे हैं। और बहुत घोर निराशा है पहलवानों के अंदर लगातार भारत का एक ऐसा खेल है जो लगातार तीन ओलंपिक से मेडल दे रहा है और ओलंपिक में मेडल सुनिश्चित है वर्ल्ड में भी हमारे बच्चे मेडल लेकर आते हैं चाहे जूनियर हूं चाहे सीनियर हो चाहे कैडेट हो उसे उम्मीद लगाई जाती है की ओलंपिक में कुश्ती का मेडल रहेगा कुश्ती का एक ऐसा माहौल बन चुका है जो ओलंपिक में मेडल रहना ही रहना है लेकिन इधर चार-पांच महीने से कुश्ती के खिलाडी बहुत ज्यादा परेशान है घोर निराशा में है। इस समय कुश्ती के पहलवान हैं इस समय कुश्ती चल रही है कुश्ती के बच्चे परेशान हैं जल्दी से चैप्टर समाप्त हो और होना चाहिए जिससे बच्चों का ज्यादा नुकसान ना हो।

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