धीरे-धीरे कम होती जा रही लाल पगड़ी की हनक गांव से

0
279

गोसाईगंज (अयोध्या)दो दशक पहले सिर पर लाल पगड़ी काखी कमीज देखकर गांव वालों का अंदाजा लगा लेते थे कि कुछ हुआ है चौकीदार से लोग गांव की खुशामदी की जानकारी लेते थे साथ ही गांव में होने वाली घटनाओं तथा बाहरी लोगों के आवागमन की सूचना भी देते थे लेकिन आज गांव में लाल पगड़ी की हनक कम होती जा रही है इससे पुलिस का सूचना तंत्र भी कमजोर होता जा रहा है गांव की घटनाओं की सूचना व हो रही गतिविधियों की जानकारी स्थानों तक पहुंचाने का जिम्मा चौकीदारों पर है चौकीदार पुलिस विभाग की प्रथम सूचना इकाई मानी जाती है गांव में आने जाने वालों को देख रेख तथा क्षेत्र में हो रही अपराधिक घटनाओं के खुलासे में इनका महत्वपूर्ण भूमिका होती है अपराधियों को पकड़वाने व ग्रामीणों को विभिन्न मुसीबतों की जानकारी देने वाले चौकीदार अब मुख्यधारा से कटते जा रहे हैं इनका दायरा अब गांव के बजाय थानों की साफ-सफाई तक सिमट गया है कुछ चौकीदारों तो साहब के घरों का काम निपटाने में जुटे रहते हैं चौंकाने वाली बात यह है कि जिस की बात पर कभी थाना अध्यक्ष क्षेत्र के दरोगा व सिपाही दूसरों का सहयोग करते रहे किन का दर्द है कि पुलिस के खास होते हुए भी इनकी सुनवाई नहीं होती है लगभग 32 चौकीदार है इसमें से अधिकांश चौकीदारों का पहनावा भी अब पहले जैसा नहीं रह गया वह अपने मूल दायित्व से करते जा रहे हैं यही कारण है कि गांव में होने वाली अपराधिक घटनाओं की सूचना पुलिस को काफी देर बाद मिलती है वह भी किसी दूसरे के माध्यम से गांव में विभिन्न मुकदमों मैं वांछित था अन्य अपराधियों का आवागमन बना रहता है लेकिन चौकीदार इसकी भनक भी नहीं पाते हैं गांव से सरकारी संपत्ति या चोरी हो जाती हैं कई छोटी-छोटी घटनाएं बड़ा रूप ले लेती हैं जो पुलिस को समय से पता चल जाए तो बड़ी घटनाएं चल सकती हैं इसका ताजा नमूना पिछले महीने रोहिया वा गांव में अंबेडकर मूर्ति को लेकर विवाद शुरू हुआ था
इस संबंध में कोतवाली प्रभारी कृष्ण कुमार मिश्रा ने कहा की चौकीदारों को अधिक सक्रिय किया जाएगा

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here