धरती के सौदागरों के हौसले बुलंद बिना जिला अधिकारी के परमिशन के मृतक मुख बधिर के जमीन का कराया बैनामा

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गोंडा उत्तर प्रदेश का गोंडा जनपद कहीं न कहीं देखा जाए तो अनोखे कम करने में नंबर वन रहता है जैसे रेलवे की जमीन का एग्रीमेंट करा लेना जैसे सरकारी भूमि को अपने नाम कर लेना नजूल की जमीनों को अपनी संपत्ति समझना इस तरह कारनामों से गोंडा फेमस है।

अब आइये सुनाते हैं आपको ऐसी कहानी गोंडा जनपद  करनैलगंज तहसील के कादीपुर का है । जहां जड़ बुद्धि नाम का व्यक्ति जो मुख बधिर था उसकी संपत्ति जिला अधिकारी के संरक्षण में थी , जड़ बुद्धि नाम के व्यक्ति के मृत्यु के बाद  धरती के सौदागरों की निगाह उस जमीन पर पड़ गई और फिर एक कुटरचित ढंग से गाटा संख्या 337 में  जड़ बुद्धि नाम के व्यक्ति की जमीन को गोमती नाम के व्यक्ति ने धरती के सौदागर भावना अग्रवाल अतुल अग्रवाल आदि के नाम से बैनामा कर दिया जाता है ।

जबकि जड़ बुद्धि के वारिस के नाम से जब तक जमीन नहीं हो जाती है और जिला अधिकारी की noc नहीं लगती है ऐसे में वह जमीन तब तक जिला अधिकारी के संरक्षण में ही रहती है।

लेकिन गोमती नाम के व्यक्ति ने धरती के सौदागरों के चक्कर में पड़कर जमीन का बैनामा कर दिया ऐसे में कहीं ना कहीं बैनामा कराने वाले रजिस्टर की भी गलती है जो की इस वक्त sit के चंगुल में फस कर जेल की रोटी तोड़ रहा है। अब सोचने वाली बात है इस तरह से धोखेबाजी जिला अधिकारी के साथ करने वाला अभी भी प्रशासन की निगाहों से खुले आम बचकर घूम रहा है और प्रशासन ने कार्यवाही अब तक करने की जहमत नहीं उठाई ।

वही इस पूरे मामले पर तहसीलदार का कहना है कि उस गाटा संख्या पर मुकदमा बहुत चल रहा है? समाजसेवी संतोष शुक्ला ने जिला अधिकारी गोंडा को लिखित शिकायती पत्र दिया है की माना कि मुकदमा चल रहा है गाटा संख्या 337 पर लेकिन गोमती ने जो जमीन जड़ बुद्धि नाम के व्यक्ति का बिना जिलाधिकारी के परमिशन कराये  और जड़ बुद्धि का वारिस बनकर जमीन को बेच दिया यह कहां तक सही है क्या यह जालसाजी नहीं है ।

इसी प्रकरण में समाजसेवक संतोष शुक्ला ने सही जांच कर कार्यवाही करने की जिला अधिकारी से मांग की है। जिससे की धरती के सौदागरों का हौसला बुलंद ना हो सके और फिर भविष्य में ऐसी गलती ना करें।

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