शाकद्वीपीय ब्राह्मण कुल में जन्मे रावण की क्यों करते हैं लोग पूजा आज के दिन

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आज के दिन रावण की पूजा तेल का दीपक तरोई का पुष्प चढ़ा कर लोग करते हैं बल बुद्धि के लिए

डेस्क रिपोर्ट राजमंगल सिंह

भगवान शिव के सबसे प्रिय भक्त रावण थे जिनको कई शक्तियां प्राप्त थी उनकी पूजा करने से बुद्धि बल की प्राप्ति होती है आज के दिन सभी भक्त तेल का दीपक और तरोई का पुष्प चढाकर पूजा अर्चना करते हैं।

कहा जाता है।  शाकद्वीपीय ब्राह्मण कुल में जन्मे रावण की भी पूजा होती है आज के दिन दुनिया में सर्वश्रेष्ठ ज्ञानी रावण था जिससे अंतिम समय में भगवान राम ने भी शिक्षा ग्रहण किया था रावण अपने तपोवन से तीनों लोक पर अधिपति जमा चुका था नवग्रह को भी बंदी बनाने वाले रावण से बड़ा ज्ञानी और शक्तिमान दुनिया में कोई नहीं था यह बात सत्य है लेकिन इतनी शक्तियां होने के साथ-साथ रावण अपने असली शक्तियों से सृष्टि में आसुरी पताका फहराने का काम करने लगा इसीलिए त्रेता युग में भगवान विष्णु को राम अवतार लेकर पृथ्वी पर आना पड़ा

रावण, जिसे सामान्यतः एक दुष्ट पात्र के रूप में जाना जाता है, अनेक अच्छाइयों से भी भरा हुआ था। वह एक प्रखर ज्ञानी था, जिसने वेदों और शास्त्रों का गहरा अध्ययन किया। रावण का ज्ञान और विद्या उसे महान पंडित बनाती हैं।

वह एक सक्षम शासक था, जिसने लंका को समृद्ध और शक्तिशाली बनाया। उसकी प्रशासनिक क्षमता और युद्ध कौशल अद्वितीय थे। रावण ने अपनी प्रजा की भलाई के लिए कई नीतियाँ बनाई और उन्हें समृद्धि की ओर अग्रसर किया।

इसके अलावा, रावण एक महान संगीतकार और नृत्यज्ञ भी था। उसका ‘रावणहत्था’ वाद्य यंत्र भारतीय संगीत में विशेष स्थान रखता है।

रावण के पास असीमित शक्तियाँ थीं, लेकिन वह अपने अहंकार और आत्मकेन्द्रित स्वभाव के कारण गलत राह पर चला गया। यदि उसने अपने गुणों का सही दिशा में उपयोग किया होता, तो वह एक आदर्श राजा बन सकता था। इस प्रकार, रावण के व्यक्तित्व में अच्छाइयाँ और खामियाँ दोनों विद्यमान थीं।

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