उत्तर प्रदेश सरकार जहां सरकारी जमीनों पर अतिक्रमण हटाने के लिए यथा संभव प्रयास कर रही है, और ऐसे लोग जो मूक बधिर हो जो नाबालिक हो ऐसे तमाम तरह के लोग जिनके भूमि को कोई कब्जा न कर पाए कोई अराजक तत्व किसी प्रकार का नुकसान न पहुंचा सके ऐसी स्थिति में सरकार ने उस जमीन का संरक्षक जिला अधिकारी को बना दिया गया। जिससे किसी प्रकार का अंतिम पायदान पर बैठे व्यक्ति का नुकसान ना हो सके और अराजक तत्व से बचाया जा सके।
हाल ही में मामला प्रकाश में आया है गोण्डा जनपद के कर्नलगंज तहसील का ।
कर्नलगंज तहसील के अंतर्गत कादीपुर ग्राम सभा के अंदर जड़ बुद्धि नाम के व्यक्ति जो मुख बधिर था जिसकी जमीन जिला अधिकारी गोंडा संरक्षक की संतोष शुक्ला नाम के व्यक्ति ने आरोप लगाया है की कूट रचित ढंग से अंकुर अग्रवाल अतुल अग्रवाल भावना अग्रवाल ने मिलकर जमीन का बैनामा करा लिया है। शिकायतकर्ता ने साक्छ के रूप में दस्तावेज भी सबमिट किया है। शिकायतकर्ता नहीं जिला अधिकारी से मामले की जांच कर कार्यवाही की गुहार लगाई है। अब सोचने वाली बात यह है जिस संपत्ति की संरक्षक जिला अधिकारी स्वयं हो ऐसी जमीन को कैसे कोई बैनामा करा सकता है बैनामा कराने के लिए जिला अधिकारी से परमिशन लेना अनिवार्य होता है। इस पूरे मामले पर कर्नलगंज तहसीलदार मनीष से बात किया गया तो उन्होंने मामले को लंबा बताते हुए कहा उस गाटा संख्या में कई मुकदमे चल रहे हैं। मामले की जांच की जा रही है।
अब सोचने वाली बात है
सवाल no 1 कि जिस गाटा संख्य का मुकदमा चल रहा था ऐसे में उस गाटा संख्या का बैनामा कैसे हो गया
2:- जड़ बुद्धि ने बैनामा नहीं किया तो बैनामा कैसे हो गया।
3:- जिला अधिकारी ने परमिशन नहीं दिया तो बैनामा कैसे हुआ।
4:- कहीं तहसील संबंधित लोगों का भी तो हाथ नहीं इस प्रकरण में ।
गोंडा में जमीन प्रकरण में लगातार मुकदमा पंजीकृत हो रहा है up sit ने भी अब तक लगभग दो दर्जन से अधिक लोगों को जेल का रास्ता दिखाया। और इस जमीन में शिकायतकर्ता के अनुसार जो लोग सम्मिलित है उनके ऊपर भी हाल ही में गोंडा नगर कोतवाली में जलसा जी का मुकदमा जमीनी मामले में ही दर्ज हुआ है। अब देखने वाली बात होगी जिला प्रशासन कितना गंभीरता से लेता है प्रकरण को और किस तरह से कार्रवाई करता है।