करनैलगंज(गोंडा)। चरागाह एवं बाढ़ शरणार्थी स्थल की जमीन पर अवैध रूप से बनाए गए 33 पक्के मकानों व दो दर्जन अस्थाई दुकानों पर गुरुवार को बुलडोजर चलाया गया। सभी मकानों को गिरा कर धराशाई करते हुए जमीन की सतह के बराबर कर दिया गया। गुरुवार को करनैलगंज तहसील क्षेत्र के ग्राम चचरी पाल्हापुर में स्थित एक बड़े मैदान जिस पर राजनेताओं का हेलीकॉप्टर उतरने के साथ-साथ मंच भी बनाया जाता है। इसके अलावा बाढ़ आने पर इस मैदान को शरणार्थी स्थल के रूप में प्रयोग किया जाता है। यह भूमि चरागाह में दर्ज है, इस भूमि पर किनारे किनारे लोगों ने काफी पुराने समय से कब्जा कर अवैध तरीके से मकान बना लिया था। जिसे चिन्हित करने का काम पूरा होने के बाद प्रशासन द्वारा विधानसभा चुनाव के पूर्व सभी मकान मालिकों व अवैध कब्जेदारों को मकान खाली करने एवं अवैध अतिक्रमण को हटा लेने की नोटिस मकानों पर चस्पा की गई थी। मगर अतिक्रमणकारियों द्वारा अतिक्रमण न हटाने पर प्रशासन ने गुरुवार को भारी मात्रा में पुलिस बल के साथ एसडीएम की अगुवाई में 34 पक्के मकानों को बुलडोजर से ढहा दिया। जिसमें कई दो मंजिला मकान, दुकाने एवं 1 मंजिला मकान शामिल हैं। इसके अलावा करीब 2 दर्जन से अधिक अस्थाई दुकानें ढाबली रखी हुई थी। उसे भी प्रशासन ने हटवाया, दिन में 11 बजे से बुलडोजर से अतिक्रमण हटाने का काम शुरू हुआ जो देर शाम तक चलता रहा। दो बुलडोजर इस कार्य में लगाए गए थे। अतिक्रमण हटाओ अभियान में एसडीएम हीरालाल, तहसीलदार पुष्कर मिश्रा, पुलिस क्षेत्राधिकारी मुन्ना उपाध्याय, कोतवाल प्रदीप कुमार सिंह, राजस्व निरीक्षक अवधेश कुमार दूबे व एक दर्जन लेखपालों सहित भारी संख्या में पुलिस बल मौके पर तैनात किया गया था। इस अतिक्रमण हटाओ अभियान में एक ऐसा परिवार बेघर हो गया जिसके पास एक इंच भी जमीन नही है। मुन्नालाल गोस्वामी जो चाट का ठेला लगाकर अपने परिवार व माता पिता की जीविका चलाता है। उसे 15 वर्ष पहले इंदिरा आवास मिला था। वह भूमिहीन था इसलिए उस समय उसको आवास बनाने के लिए कहा गया था। 7 लोगों का परिवार है उसका भी मकान अतिक्रमण की जद में आने से गिरा दिया गया। अतिक्रमण की चपेट में आये 3 भूमिहीन परिवारों के प्रति एसडीएम ने दरियादिली दिखाते हुए ग्राम प्रधान व राजस्व कर्मचारियों से एक सप्ताह के भीतर उन्हें जमीन का पट्टा देने के निर्देश दिए हैं। एसडीएम हीरालाल ने बताया कि इस सरकारी भूमि को खाली कराने के निर्देश हाईकोर्ट ने 2019 में ही दिया था। तभी से प्रक्रिया चल रही है। नियमानुसार सभी को नोटिस जारी किया गया। दो माह की मोहलत भी दी गई थी। मगर स्वतः अतिक्रमण न हटाने पर बुल्डोजर चलाया गया है। अतिक्रमण की चपेट में आने वाले रमेश कुमार, श्री पाल, अयोध्या, मंजू, ओम सिंह, शिव प्रसाद, राजू, सूर्यभान, निराई, ननके, रोहिणी, दद्दन सिंह, राकेश कुमार सिंह, बड़कऊ, रघुनाथ, गंगाराम,रामा, गुल्ले, रामू, विनोद, प्रतिपाल, विनय राय, संतोष कुमार, गुड्डू सिंह, सर्वेश सिंह, राघवेंद्र, जगदंबा, भगवती,स्वयंबर, बुद्धू, सर्वेश सिंह,विश्राम, हरिपाल, पुजारी, अवधेश का मकान व दुकाने सामिल हैं। जिन्हें बुल्डोजर से हटाया गया।