गोंडा पडरी कृपाल ब्लॉक का बहुचर्चित मामला आया सामने शिकायतकर्ता छोटका का आरोप है फर्जी दस्तावेज के बल बूते ब्लॉक प्रमुख पद के लिए नामांकन करते समय जो दस्तावेज लगाए गए वह फर्जी है जिसमें निवास प्रमाण पत्र जाति प्रमाण पत्र भी लगा है ।
ऐसे में अगर यह कागजात फर्जी तरह से बना है तो कहीं ना कहीं गोंडा तहसील के कर्मचारियों पर भी गाज गिर सकती है ।
वही इस पूरे षडयंत्र में राजीव कुमार सिंह और बिट्टू सिंह ब्लॉक प्रमुख प्रतिनिधि हैं का नाम भी आ रहा है
वही न्यायालय ने कहा है पत्रावली पेश हुई है प्रार्थिनी के विद्वान अधिवक्ता को प्रार्थना पत्र अंतर्गत धारा 173 (4) BNSs पर सुना जा चुका है
न्यायालय में क्या हुआ प्रस्तुत एप्लीकेशन
प्रार्थिनी द्वारा प्रार्थना पत्र अंतर्गत 173(4) BNS बाबत दर्ज कराए जाने प्रथम सूचना रिपोर्ट इस कथन के साथ प्रस्तुत किया गया है कि विपक्षी प्रियंका गौतम पड़री कृपाल की ब्लॉक प्रमुख है और इनका जन्म स्थान ग्राम करौता विकासखंड भागलपुर देवरिया जिला है विवाह उपरांत इनका मूल निवास ग्राम गाडौना घुघा विकासखंड भागलपुर देवरिया है। वर्तमान समय पर भी वह रह रही है वहीं पर राजीव कुमार और बिट्टू सिंह जो पूर्व में इसी ब्लॉक के ब्लॉक प्रमुख रह चुके हैं जालसाजी व फरेब करके ब्लॉक प्रमुख बनने के लिए कोर्ट रचित दस्तावेज तैयार करके अनुचित लाभ लेने के लिए बिना किसी सटक भूमि मकान आदि ना रहते हुए यहां का निवासी ना होते हुए भी जालसाजी करके फर्जी कागज बनवाकर ग्राम पंचायत महादेवा माजरा विशवा दामोदर विकासखंड पडरी कृपाल परगना तहसील व जिला गोंडा में परिवार रजिस्टर में मकान संख्या 246 में अपने पति व अपना नाम गलत तरीके से दर्ज कर लिया जबकि वह अपने जीवन काल में कभी भी इस गांव में रही ही नहीं है और इन्हीं पर पते के आधार पर गलत जालसाजी करके तथा अनुचित लाभ लेने के लिए जाति प्रमाण पत्र बना लिया गया गलत तरीके से ब्लॉक प्रमुख निर्वाचित होने के बाद क्षेत्र में गैर कानूनी काम करते हैं कोटेदार को गल्ला नहीं देते हैं धमकी देते हैं प्रार्थना में घटना की सूचना थाना पर दिया पुलिस अधीक्षक गोंडा को दिया जिस पर कोई कार्यवाही न होने पर न्यायालय पर प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया गया आवेदिका द्वारा अपने कथन के समर्थन में शपथ पत्र रजिस्ट्री रसीद आदि दाखिल किया है
क्या कुछ कहा कोर्ट ने
प्रस्तुत प्रकरण के आलोक में थाने से जांच आख्या आहूत की गई संबंधित थाने से प्राप्त आख्या के अनुसार थाना स्थानीय पर कोई अभियोग पंजीकृत नहीं है प्रार्थना पत्र अंतर्गत धारा 173 4 बीएस पर आवेदिका के विद्वान अधिवक्ता को सुना तथा प्रस्तुत प्रपत्रों का अवलोकन किया प्रपत्र के अवलोकन से विवादित होता है कि प्रस्तुत प्रकरण में विपक्षीय गण द्वारा जलसा जीव कट रचना करके लाभ देने के लिए निवास प्रमाण पत्र व जाति प्रमाण पत्र बनवाने का गंभीर आरोप लगाया है ऐसे में प्रार्थना पत्र में वर्णित तथ्यों से विपक्षी गण द्वारा प्रथम दृश्य संज्ञा अपराध कार्य किया जाना प्रतीत होता है अतः प्रस्तुत प्रकरण में विवेचना कराए जाने का आधार पर्याप्त है तथा अनुसार प्रार्थना पत्र स्वीकार किए जाने योग्य है
कोर्ट ने किसको दिया आदेश क्या है आदेश
वहीं अपर सिवल जज का द्वारा प्रस्तुत प्रार्थना पत्र अंतर्गत धारा 173 4BNS स्वीकार किया जाता है प्रभारी निरीक्षक कोतवाली देहात जिला गोंडा को आदेशित किया जाता है वह प्रार्थना पत्र में वर्णित तथ्यों के प्रकाश अभियोग पंजीकृत कर नियमों अनुसार विवेचना करें तथा इसकी सूचना अंदर 10 दिवस न्यायालय में प्रस्तुत करना सुनिश्चित करें