एक बार फिर उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले स्थित नंदिनी नगर महाविद्यालय में कुश्ती का आयोजन तय

0
763

कुश्ती संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह  गोंडा में कुश्ती के आयोजन को लेकर खड़ा हुआ विवाद, पहलवानों ने की जगह बदलने की मांग

गोंडा कैसरगंज सांसद कुश्ती संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ लगाए गए आरोपों की जांच रिपोर्ट सौंप दी गई है, लेकिन अभी उसे सार्वजनिक नहीं किया गया है ।

आज का उजाला डेस्क

कैसरगंज सांसद बृजभूषण शरण सिंह के ऊपर लगाए गए तमाम आरोपों के बाद एक बार फिर गोंडा जनपद के नवाबगंज स्थित नंदिनी नगर महाविद्यालय में देश के दिग्गज पहलवानों का होगा जमावड़ा आपको बताते चलें कुछ महीने पहले
यौन उत्पीड़न कांड से मचे कोहराम के दो महीने बाद ‘रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया’ (WFI) एक और विवाद के घेरे में आ गया है. संगठन ने हाल ही में दो नए टूर्नामेंट की घोषणा की है, जिन्हें उत्तर प्रदेश के गोंडा में आयोजित किया जाएगा. दरअसल ‘गोंडा’ के कैसरगंज से सांसद बृजभूषण का गढ़ माना जाता है, जिन पर उत्पीड़न के आरोप लगाए गए थे.
WFI ने गुरुवार को अपने ट्विटर हैंडल पर दो नए आयोजनों – U-17 नेशनल चैंपियनशिप और सीनियर ओपन नेशनल रैंकिंग रेसलिंग टूर्नामेंट की घोषणा की. यह टूर्नामेंट इस साल 16 और 18 अप्रैल को आयोजित किए जाएंगे.

लेकिन जिस बात ने विवादों के बीच खलबली मचा दी है, वह यह है कि यह आयोजन गोंडा जनपद के नवाबगंज स्थित नंदिनी नगर महाविद्यालय के मैदान में होगा इस कॉलेज की स्थापना बृजभूषण शरण सिंह ने की थी।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार डब्ल्यूएफआई के महासचिव वी.एन. प्रसाद ने कहा कि क्योंकि आरोपों की जांच के लिए नियुक्त एक निरीक्षण समिति ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है, इसलिए ये आयोजन किए जा रहे हैं. रिपोर्ट को अभी सार्वजनिक किया जाना बाकी है।

उन्होंने कहा, ‘देखिए, जांच के दौरान हमने सभी तरह की गतिविधियों को रोक दिया था. अब हम टूर्नामेंट के साथ-साथ अंडर-17 नेशनल भी करा रहे हैं’ हालांकि, उन्होंने आयोजन स्थल के चयन के बारे में पूछे गए सवालों का जवाब नहीं दिया.

तय कार्यक्रम के मुताबिक सीनियर ओपन नेशनल रैंकिंग कुश्ती टूर्नामेंट के तहत महिला कुश्ती का भी आयोजन किया जाएगा।

वंही खेल कानून विशेषज्ञ और वरिष्ठ अधिवक्ता राहुल मेहरा ने प्रतिष्ठित पत्रकार से से कहा, ‘अगर निरीक्षण समिति ने अपनी जांच रिपोर्ट प्रस्तुत कर दी है तो उसे सार्वजनिक क्यों नहीं किया गया? गोंडा में टूर्नामेंट आयोजित कराने का निर्णय बेहद संदिग्ध है. रिपोर्ट के नतीजों के बावजूद, खेल अधिकारियों को ऐसी जगह का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए जो बृजभूषण शरण सिंह का गढ़ है. आखिरकार, उन पर यौन उत्पीड़न के गंभीर आरोप लगे हैं.’

गोंडा में जन्मे शरण निर्वाचन क्षेत्र से छे बार लोकसभा के लिए चुने गए है. पहली बार 1991 में और फिर 1999 में. उन्होंने जंतर-मंतर में पहलवानों के विरोध के जवाब में गोंडा में ही अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की थी।

छह बार के भाजपा सांसद सिंह पर, जनवरी में कई महिला एथलीटों ने यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया था. जंतर मंतर पर कई दिनों तक विरोध-प्रदर्शन चलता रहा, जिसमें विनेश फोगट और बजरंग पुनिया जैसी कुश्ती की कई प्रमुख हस्तियां शामिल थीं, इसके बाद सिंह ने WFI प्रमुख के रूप में पद छोड़ दिया था ।

उसी समय केंद्र सरकार ने घोषणा की कि उसने डब्ल्यूएफआई के सभी कार्यक्रमों को रोक दिया है, महासंघ के सहायक सचिव विनोद तोमर को निलंबित कर दिया है और मुक्केबाज मैरी कॉम की अध्यक्षता में एक निरीक्षण समिति का गठन किया है। समिति को न सिर्फ महासंघ के दिन-प्रतिदिन के कामकाज की देखरेख करने का काम सौंपा गया था बल्कि आरोपों की जांच का जिम्मा भी उन्हीं पर था।

हालांकि शुरू में 23 फरवरी (समिति के गठन के एक महीने बाद) तक रिपोर्ट देने की बात कही गई थी, लेकिन बाद में समय सीमा को दो सप्ताह आगे बढ़ाते हुए 9 मार्च कर दिया गया था.

‘निगरानी समिति ने सरकार को रिपोर्ट सौंप दी है और WFI को अपनी गतिविधियों में किए गए कानूनी खर्चों के बिल सौंप दिए हैं. इसका मतलब है कि डब्ल्यूएफआई की दिन-प्रतिदिन की गतिविधियों को चलाने में उनकी भूमिका खत्म हो गई है.’

उधर जिन पहलवानों के धरने के विरोध के चलते सिंह को हटने के लिए मजबूर होना पड़ा था, उन्होंने मांग की कि इस आयोजन को गोंडा से बाहर कर दिया जाए.

टोक्यो ओलंपिक कांस्य पदक विजेता पुनिया ने कहा, ‘डब्ल्यूएफआई कैसे गोंडा में कोई कार्यक्रम आयोजित कर सकता है? कम से कम उन्हें तब तक इंतजार करना चाहिए जब तक कि रिपोर्ट का ब्योरा सार्वजनिक नहीं हो जाता. उन्होंने पूर्व में गोंडा में कई कुश्ती प्रतियोगिताओं का आयोजन किया है.’

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here