आज़ादी के बाद टूटा मिथक, चुनाव हारने के बाद भी प्रदेश में बनी सरकार।
बस्ती जिले की महादेवा सुरक्षित विधानसभा सीट से अब तक जिस दल का विधायक चुना गया। उसी दल की ही उत्तर प्रदेश में सरकार बनी। यह मिथक 2017 तक के चुनाव में बरकरार रहा। यहां से कांग्रेस, बीजेपी, सपा,बसपा प्रत्याशियों को नेतृत्व करने का मौका मिला, वह भी सत्ताधारी दल के साथ। पहले इस विधानसभा क्षेत्र को नगर पूरब विधानसभा के नाम से जाना जाता था, यह विधानसभा सीट तब भी सुरक्षित थी और परिसीमन बाद नाम बदलने के बाद भी उसके आरक्षण में न तो कोई बदलाव हुआ और न ही इस सीट से जुड़ा मिथक टूटा, 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले जिस दल का विधायक यहां से चुनाव जीता प्रदेश में उसकी ही बनी सरकार, लेकिन इस बार ये मिथक टूट गया, सपा गठबंधन के प्रत्याशी दूधराम चुनाव जीत गए, बीजेपी के रवि सोनकर चुनाव हार गए इस के बाद भी प्रदेश में बीजेपी की सरकार बन गई है
महादेवा विधानसभा में जो जीता उसी की प्रदेश में बनी सरकार।
पहले नगर पूरब और अब महादेवा के नाम से जानी जाने वाली 311 महादेवा सुरक्षित सीट के आंकड़ों पर नजर दौड़ाए तो अब तक अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित इस सीट पर 1985 तक कांग्रेस प्रत्याशी की ही जीत होती रही, प्रदेश में इस दौरान कांग्रेस की ही सरकार रही। वहीं, साल 1985 के बाद परिस्थितियां बदलीं,लेकिन इस विधानसभा का मिथक नहीं टूटा। 1980 में कांग्रेस के राम अवध प्रसाद , 1985 में कांग्रेस के रामजियावन जीते और प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी।
जिस दल का विधायक, उसकी ही सरकारवहीं, 1989 में जनता दल से रामकरन आर्य ने जीत दर्ज की और मुलायम सिंह यादव सीएम की कुर्सी पर बैठे। 1991 में बीजेपी से वेद प्रकाश, 1993 में सपा से रामकरन आर्य, 1996 में बसपा से वेद प्रकाश जीते और उन्हीं के दल की सरकार बनी। वर्ष 2002 में सपा से रामकरन आर्य,2007 में बसपा से दूधराम, 2012 में सपा से रामकरन आर्य, 2017 में बीजेपी से रवि सोनकर ने जीत दर्ज की। इन वर्षों में जिस दल के प्रत्याशी ने जीत दर्ज की,प्रदेश की सत्ता उसी दल के पास रही।
इस बार भी लोगों की निगाहें
इस विधान सभा पर थी,इस सीट से कांग्रेस, भाजपा, सपा, बसपा सभी को नेतृत्व करने का मौका मिला। इस बार भी लोगों की निगाहें महादेवा सुरक्षित विधानसभा सीट पर लगी थी कि यहां से जीतने वाले विधायक के दल की सरकार बनेगी या फिर अब तक के चुनावी राजनीति का मिथक टूटेगा, लेकिन 42 साल बाद यह मिथक टूट गया, 2022 के चुनाव में सपा गठबंधन प्रत्याशी दूधराम चुनाव जीत गए, बीजेपी विधायक और प्रत्याशीलोकेशन- बस्ती
बस्ती से श्रद्धानंद मिश्रा की रिपोर्ट