दीपावली की रात पटाखों के शोर के बीच खुद ही आ फंसा, कर्मियों ने ली राहत की सांस
गोंडा। दहशत का पर्याय बना तेंदुआ आखिरकार सोमवार को पिंजरे में फंस गया। दीपावली के दिन पटाखों के शोर के बीच वह खुद ही पिंजरे में चला आया। तेंदुआ जैसे ही पिंजरे में घुसा पिंजरे का दरवाजा खटाक का आवाज के साथ बंद हो गया। तेंदुए के पकड़े जाने से वन विभाग समेत डीएम आवास में ड्यूटी करने वाले कर्मियों ने राहत की सांस ली है। वन विभाग के अफसरों ने बताया कि पकड़े गए तेंदुए को सोहेलवा वन रेंज में छोड़ा जायेगा।
शहर के मंडे नाला के पास बने जिलाधिकारी आवास के परिसर में तेंदुए ने पिछले आठ महीने से डेरा डाल रखा था। दो महीने पहले इस तेंदुए की तस्वीर आवाल के सीसीटीवी कैमरे में कैद हुई थी। कैमरे में तेंदुआ देखे जाने की पुष्टि के बाद वन विभाग की टीम तेंदुए को पकड़ने की कोशिश कर रही थी। करीब 6 एकड़ में फैले जिलाधिकारी परिसर में तेंदुआ पकड़ने के लिए चार पिंजरे लगाए गये थे। वन विभाग की टीम डीएम आवास में लगातार कांबिंग कर रही थी। कभी बार तेंदुआ दिखाई देता लेकिन हर बार वह चकमा देकर निकल जाता था। डीएम आवास परिसर में तेंदुआ होने की पुष्टि से ड्यूटी पर तैनात कर्मचारी भयभीत रहते थे। वहीं वन विभाग के कर्मचारी भी प्रतिदिन तेंदुए की तलाश में प्रतिदिन हलकान हो रहे थे। सोमवार को दीपावली के दिन पटाखों के शोर के बीच तेंदुआ खुद पिंजरे में आकर फंस गया। मंगलवार का सुबह कर्मियों ने तेंदुए को फंसा देखा। तत्काल इसका सूचना वन विभाग के अफसरों को दी गई। प्रभारी वनाधिकारी राजकुमार त्रिपाठी ने बताया कि डीएम आवास से तेंदुआ पकड़ा गया है। उसे पिंजरे में रखा गया है। कागजी कार्रवाई पूरा करने के बाद तेंदुए को सोहेलवा वन प्रभाग के जंगलों में ले जाकर छोड़ा जायेगा।