अयोध्या के नागेश्वरनाथ मन्दिर में सावन के प्रथम सोमवार को जलाभिषेक को उमड़े हजारो भक्तगण

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 अयोध्या के नागेश्वरनाथ मन्दिर में सावन के प्रथम सोमवार को जलाभिषेक को उमड़े हजारो भक्तगण

सावन के प्रथम सोमवार को राम नगरी अयोध्या के सिद्धपीठ नागेश्वरनाथ मंदिर में जलाभिषेक को हजारों भक्तों उमड़े। प्रातः काल से ही सरयू नदी में स्नान कर भक्तगण कतार बंद होकर नागेश्वर नाथ मंदिर में जलाभिषेक कर अपना जीवन धन्य किये।
बता दें कि नागेश्वरनाथ मंदिर बहुत प्राचीन मंदिर है और कहा जाता है इसकी स्थापना भगवान कुश ने की थी। विगत 2 वर्षों से कोरोना काल था। इसलिए यहां पर मेला नहीं लगा। भक्तगण काफी संख्या में जलाभिषेक नहीं कर सके थे। आज कोरोना काल के बाद पहला मेला है, जिसमें पूर्वांचल के हजारों भक्तों ने आकर शरयू नदी में स्नानकर भगवान भोलेनाथ को जलाभिषेक किए।
इस दौरान सरयू नदी के घाटों पर और नागेश्वर नाथ मंदिर में सुरक्षा व्यवस्था सख्त दिखी। इसके अलावा प्रातः काल से ही भक्तगण अन्य शिवालयों में जलाभिषेक और दर्शन पूजन को उमड़े। स्थानीय लोगों की मानें तो अयोध्या नागेश्वर नाथ मंदिर में गोंडा जनपद सहित देवीपाटन मंडल के सभी जनपदों से बलरामपुर बहराइच श्रावस्ती गोंडा के श्रद्धालु सावन के पहले सोमवार को जलाअभिषेक करने अयोध्या रविवार शाम से ही आना शुरू कर दिए हैं लोग धर्मशाला विभिन्न आसरा ग्रह में रात्रि विश्राम करते हैं करते हैं और सुबह 4:00 बजते ही सरयू नदी में स्नान कर सभी श्रद्धालु नागेश्वर नाथ मंदिर में पहले जलाभिषेक करते हैं उसके बाद हनुमानगढ़ी में पहुंचकर हनुमान जी दर्शन करते हैं।

इस तरह से अगर देखा जाए अयोध्या के आसपास के सभी जनपदों से लोग जलाभिषेक के लिए आते हैं और माना जा रहा है ईश्वर यू में स्नान कर नागेश्वरनाथ में जलाभिषेक करने के लिए विभिन्न राज्यों से भी लोग आते हैं अपनी मन्नतें भी मानते हैं और जिनकी मन्नते पूरी हो गई होती है वह लोग भी आकर भगवान भोलेनाथ के दर्शन कर जलाभिषेक करते हैं और मंगल कामना का आशीर्वाद देते हैं। कहां जाता है भगवान राम को जब 14 वर्ष वनवास काट कर आए थे उस समय अयोध्या में दिवाली मनाई गई थी और भगवान राम जो मर्यादा पुरुषोत्तम थे का राज्याभिषेक किया  गया था उसी वक्त भगवान राम ने नागेश्वर नाथ मंदिर का स्थापना किया था अपने चारों भाइयों राम लक्ष्मण भरत शत्रुघ्न के साथ सभी परिवार के सदस्यों और वेद मुनियों के साथ पूजा अर्चना की गई थी तब भगवान शंकर स्वयं आकर भगवान राम को दर्शन दिए थे और भगवान राम ने भोलेनाथ से आग्रह किया था कि जो भी व्यक्ति अयोध्या में आकर आप की शरण में आकर अपनी मनोकामना मानता है भगवान उसकी मनोकामना को पूर्ण करें यही मेरी विनती है भगवान भोलेनाथ ने प्रसन्न होकर कहा था की सच्चे मन से जो भी हमारी शरण में आएगा और समाज कल्याण हित मनोकामना मांगेगा उसकी समस्त मनोकामनाएं पूर्ण होगी इतिहास में तमाम श्रद्धालु अयोध्या आज भी पहुंचते हैं और हर तेरस थिति को श्रद्धालु यहां जलाभिषेक करते हैं लेकिन श्रवण मास में यहां पर माना जाए तो सोमवार के दिन लाखों श्रद्धालु पहुंचकर भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक करते हैं और अयोध्या में विराजमान बजरंगबली का दर्शन भी करते हैं ।

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