जिलाधिकारी नेहा शर्मा: गोंडा में एक प्रेरणादायक कार्यकाल

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जिलाधिकारी नेहा शर्मा: गोंडा में एक प्रेरणादायक कार्यकाल

गोंडा जनपद के विकास की जब भी बात होगी, एक नाम हमेशा सम्मान और गर्व के साथ लिया जाएगा — जिलाधिकारी नेहा शर्मा। अपने 25 महीने के कार्यकाल में उन्होंने जो कार्य किए, वे केवल प्रशासनिक निर्णय नहीं थे, बल्कि वे जनसरोकार और जमीनी बदलाव के प्रतीक बने।

नेहा शर्मा का कार्यकाल गोंडा के लिए परिवर्तनकारी रहा। उन्होंने न सिर्फ विकास योजनाओं को मजबूती से लागू किया, बल्कि संवेदनशीलता और जनभागीदारी के साथ प्रशासन को आमजन के और करीब ला दिया।

उनके नेतृत्व में बड़गांव का ऐतिहासिक तालाब फिर से जीवंत हुआ। यह सिर्फ एक सौंदर्यीकरण परियोजना नहीं थी, बल्कि संस्कृति, पर्यावरण और पर्यटन को बढ़ावा देने की एक दूरदर्शी सोच का परिणाम था। इसी तरह वन टांगिया गांव के लिए किया गया कार्य ऐतिहासिक रहा — वर्षों से उपेक्षित इस क्षेत्र को मुख्यधारा से जोड़कर उन्होंने वहां के लोगों को सम्मान और अधिकार दिलाया।

शहर की दीवारों पर वॉल पेंटिंग्स के जरिए न सिर्फ नगर को नया रूप मिला, बल्कि स्वच्छता, पर्यावरण और सामाजिक संदेशों को जन-जन तक पहुंचाने का रचनात्मक तरीका अपनाया गया।

ठेला-रेहड़ी वालों को अस्थायी स्थान देना एक ऐसा मानवीय निर्णय था जो बताता है कि नेहा शर्मा केवल कागजी योजनाओं की अधिकारी नहीं थीं, बल्कि ज़मीनी स्तर पर हर व्यक्ति के हित की सोचने वाली प्रशासक रहीं।

ग्राम चौपालों के ज़रिए वे सीधे ग्रामीणों से जुड़ीं, समस्याएं सुनीं और मौके पर ही समाधान दिए। इससे प्रशासनिक पारदर्शिता और जवाबदेही दोनों में अभूतपूर्व सुधार हुआ।

अरगा ब्रांड सेंड” और महिला सहायता समूहों को ‘अंब्रेला ब्रांड’ देना, उनके नवाचार की झलक देता है। स्थानीय संसाधनों को ब्रांडिंग के साथ बाज़ार से जोड़ना एक अनोखी पहल रही, जिससे महिलाओं की आर्थिक सशक्तिकरण को नई दिशा मिली।

इनके अलावा भी अनेक क्षेत्रों जैसे शिक्षा, स्वास्थ्य, महिला सशक्तिकरण, बाल कल्याण, सड़क निर्माण, डिजिटल सेवाएं, आदि में उनका योगदान अविस्मरणीय रहा।

जिलाधिकारी नेहा शर्मा का कार्यकाल यह सिखाता है कि जब इच्छाशक्ति, दूरदृष्टि और समर्पण साथ हो, तो प्रशासनिक सीमाएं नहीं, बल्कि परिवर्तन की संभावनाएं दिखती हैं।

गोंडा की जनता आज गर्व से कह सकती है कि हमें एक ऐसी जिलाधिकारी मिलीं जिन्होंने न केवल दायित्व निभाया, बल्कि गोंडा की तस्वीर और तक़दीर बदलने की ईमानदार कोशिश की।

जिलाधिकारी नेहा शर्मा को गोंडा सदैव याद करेगा ।

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