खबर उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले से है जहां सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लगातार अपराध एवं अपराधियों पर नियंत्रण करने का नया-नया कानून बनाते हैं और अपराधियों को सलाखों के पीछे भेजने का काम करते हैं वही गोंडा में जघन्य अपराध करने वाले अपराधी खुले आम घूमते हैं जो प्रदेश के कानून व्यवस्था पर कहीं ना कहीं प्रश्न चिन्ह लगने का काम करते हैं
पूरा मामला जनपद गोंडा के शहर क्षेत्र के व्यापारी अमित अग्रवाल से जुड़ा है अमित अग्रवाल गोंडा के नाम चीन व्यापारियों में से एक है अमित अग्रवाल अंकुर अग्रवाल नाम के व्यापारी को डेढ़ करोड़ रुपए व्यापारिक रूप से उधारी लिए थे जो पचारिया कंपनी के खाते में पेमेंट गया था कुछ समय बीतने के बाद अमित अग्रवाल ने बताया कि हम दोबारा पैसे की जब वापसी की बात किया तो हमको जान से मारने की धमकी देने लगी और हमको रास्ते में रोक कर कुछ सहयोगियों के साथ डराया धमकाया भी गया और फायरिंग भी की गई जिसकी सूचना हमने नजदीकी पुलिस में दिया लगातार पुलिस को मैं सूचना देता रहा लेकिन कार्यवाही नहीं हुई हालांकि पुलिस जांच कर कार्यवाही करने की बात भी कहीं वहीं विभागीय जांच में जांच अधिकारी ने अपने बयान में यह भी लिखा है जिस तरह से पैसे का पचारिया कंपनी के खाते में ट्रांजैक्शन हुआ है वह कहीं ना कहीं व्यापारिक लेनदेन साफ देखने को मिल रहा है अमित अग्रवाल को जब कहीं से सहायता नहीं मिली तो न्यायालय की शरण लेनी पड़ी न्यायालय ने मामले को गंभीरता से लेते हुए मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया गोंडा नगर कोतवाली में गंभीर धाराओं में मुकदमा पंजीकृत हुआ
आपको बताते चलें यह वही अंकुर अग्रवाल है बीते कुछ दिन पहले इनके ऊपर रेलवे की जमीन और बंजर जमीन का कूट रचित ढंग से एग्रीमेंट कराकर फ्लर्टिंग करने की योजना बन रही थी समय से ही जिला अधिकारी नेहा शर्मा ने मामले को संज्ञान में लिया अंकुर अग्रवाल सहित कई लोगों के नाम मुकदमा दर्ज हुआ यही नहीं और भी इनके कारनामे निकल कर सामने आ रहे हैं
गौरव अग्रवाल ने बताया अंकुर अग्रवाल काफ़ी रसूख वाले हैं 2021 में जीएसटी चोरी को लेकर एक सनसनी खेज खबर सामने आई थी जिसमें कई लोग के ऊपर आयकर विभाग ने मुकदमा दर्ज किया था और गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्यवाही भी हुई थी गौरव अग्रवाल के अनुसार उसे जीएसटी घोटाले में अंकुर अग्रवाल ही मास्टरमाइंड है उस समय जो व्यापारिक रूप से पैसों का लेनदेन हुआ अगर अमित अग्रवाल जीएसटी प्रकरण में शामिल थे तो उन्के खाते से पचारिया कंपनी को भी पेमेंट गया था कहीं ना कहीं गौरव की बातों और स्टेटमेंट जो बैंक का है इससे साफ जाहिर होता है तार तो जुड़ा है अब देखने वाली बात होगी की विभाग इस पर किस तरह से कार्रवाई करती है