सवालों के घेरे में नवाबगंज पुलिस व आबकारी विभाग
गोंडा जनपद में कच्ची शराब कुटीर उद्योग का रूप ले चुकी है जिस को बंद कराने के लिए स्थानीय पुलिस वह जिले का महकमा भी पूरी तरह से प्रयासरत रहता है लेकिन कुटीर उद्योग का रूप ले चुका देसी शराब का धंधा गोंडा जनपद में बढ़ता ही जा रहा है देसी शराब में तमाम किस्म के केमिकल का भी प्रयोग किया जाता है जिसका खुलासा आज स्वयं पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार मिश्रा ने किया की हजारों कुंतल लहन की बरामदगी हुई तो वही केमिकल भी बरामद किया गया नवाबगंज थाना क्षेत्र के तुलसीपुर इलाके में कच्ची शराब का धंधा सालों से फल फूल रहा है आए दिन छुटपुट कार्यवाही अभी होती है लेकिन पुलिस महकमे के लिए अब तक की यह सबसे बड़ी कार्यवाही रही है 3000 लीटर देसी शराब तो वही कई हजार लीटर लहन को नष्ट किया गया है नदी के किनारे जमीन को खोदकर यह लोग भटिया चलाते हैं जहां आज पुलिस ने चौतरफा घेराबंदी करके 20 भट्टी को ध्वस्त किया है कई लोगों की गिरफ्तारी भी की गई है लेकिन सवाल इस बात का उठता है कि कहीं न कहीं नवाबगंज पुलिस व आबकारी विभाग सवालों के घेरे में खड़ा होता दिख रहा है इतने बड़े पैमाने पर जब काम हो रहा है देसी शराब का तो खाकी वर्दी अब तक कहां थी आखिर क्यों पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार मिश्रा को खुद करनी पड़ी छापेमारी तो कहीं ना कहीं सवाल के घेरे में नवाबगंज पुलिस और आबकारी विभाग भी आता है जाहिर सी बात है इन लोगों की मिलीभगत से चलती थी अवैध शराब की भठ्ठीयां चुनाव को मद्देनजर देखते हुए माना जा रहा है कि यह है एक बड़ी प्लानिंग थी