राम नगरी में फिर बुलंद हुई गंगा जमुनी तहजीब – इकबाल अंसारी को ईद की बधाई देने उनके आवास पहुंचे राम जन्म भूमि के मुख्य पुजारी
अयोध्या। राम नगरी अयोध्या को यूं ही गंगा जमुनी तहजीब की नगरी नहीं कहा जाता अयोध्या समय-समय पर इसको साबित भी करती रही है । अयोध्या हमेशा सौहार्द का संदेश देती रहती है। मंगलवार को ईद के मौके पर अयोध्या में एक बार फिर गंगा जमुनी तहजीब का नजारा दिखा। श्री राम जन्म भूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने मस्जिद के पूर्व पक्षकार इकबाल अंसारी के घर पहुंच कर उन्हें ईद की बधाई दी तो इकबाल ने भी पुजारी का स्वागत कर उन्हें अक्षय तृतीया की बधाई और एक बार फिर से राम नगरी से पूरे विश्व को सौहार्द का संदेश गया।
राम जन्म भूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा कि अयोध्या में हम लोगों के बीच यह संबंध पूर्व से चलता रहा है। मंदिर मस्जिद विवाद को लेकर भी हमारे गुरु और इनके पिता दोनों एक साथ बैठकर कचहरी भी जाते थे मुकदमा भी लड़ते रहे हैं। और जब हमारे इस विवाद को लेकर फैसला आया तभी हम लोग एक साथ बैठकर उस फैसले को स्वीकार किया। आज हिंदू धर्म के मुताबिक अक्षय तृतीया और भगवान परशुराम की जयंती भी मनाई जा रही है तो वहीं आज ही के दिन मुस्लिम समाज के द्वारा ईद का पर्व मनाया जा रहा है। इसलिए आज हमने इकबाल अंसारी के घर पहुंच कर उन्हें ईद की बधाई दी है । इसके साथ ही अक्षय तृतीया और परशुराम जयंती के अवसर पर आशीर्वाद भी दिया है।
वही इकबाल अंसारी ने राम जन्म भूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास का स्वागत करते हुए उन्हें माला पहनाई और फल खिलाया और मुबारकबाद दी। इस दौरान उन्होंने कहा कि अयोध्या धर्म की नगरी है जहां पर हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई सभी रहते हैं ।एक तरफ जहां सरयू नदी है हनुमान जी का मंदिर है तो वहीं मस्जिद और मजारे भी हैं। हम लोग हमेशा अयोध्या के साधु-संतों के बीच रहते हैं ।दोनों समुदाय के बीच कभी कोई विवाद नहीं हुआ। यही कारण है कि हम लोग एक दूसरे के त्योहारों में शामिल होते हैं। अयोध्या में किसी भी मजहब को लेकर कोई भेदभाव नहीं है। इसी को लेकर आज आचार्य सत्येंद्र दास जी हमारे घर पर आए हुए थे उन्होंने ईद की बधाई दी है और अक्षय तृतीया का आशीर्वाद दिया है तो वहीं हमने भी उन्हें फूलों की माला पहनाकर उनका स्वागत किया है।