यूक्रेन हमले के बाद यूक्रेन की विभागीय 10 वेबसाइट हुई बंद
रूस के आक्रमण के खतरे के बीच यूक्रेन के रक्षा मंत्रालय, प्रमुख बैंकों और सेना पर श्रृंखलाबद्ध तरीके से मंगलवार को साइबर हमला किया गया. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. इस हमले की आड़ में और गंभीर साइबर हमला होने के संकेत अभी तक नहीं मिले हैं. तकनीकी भाषा में इसे ‘डिस्ट्रिब्यूटेड डिनायल ऑफ सर्विस’ (डीडीओएस) हमला बताया जा रहा है, जिसका अर्थ है कि किसी सर्वर को लक्षित कर उस पर इंटरनेट डाटा की बाढ़ कर देना, ताकि सामान्य तौर पर आने वाला डेटा बाधित हो जाए.
इस हमले के कारण यूक्रेन की कम से कम 10 वेबसाइट बंद हो गईं, जिनमें रक्षा, विदेश और संस्कृति मंत्रालय की वेबसाइट शामिल थीं. इसके अलावा दो सबसे बड़े सरकारी बैंकों की वेबसाइट भी प्रभावित हुई. इस प्रकार के हमलों में वेबसाइट पर भारी मात्रा में ‘जंक डेटा’ भेजा जाता है जिससे वेबसाइट नहीं खुलती. यूक्रेन के वरिष्ठ साइबर रक्षा अधिकारी विक्टर झोरा ने कहा, ‘इस डीडीओएस हमले से किसी अन्य प्रकार की क्षति होने की सूचना नहीं है।
यूक्रेन सेना और बैंक थे निशाना
उन्होंने कहा कि आपदा प्रतिक्रिया दल हमलावरों का संपर्क काटने और सेवाएं बहाल करने में जुटी हैं. नेटवर्क प्रबंधन कंपनी ‘केन्टिक इंक’ में इंटरनेट विश्लेषण के निदेशक डग मडोरी ने कहा कि हमलावरों के निशाने पर यूक्रेन की सेना और बैंक थे. यूक्रेन के सूचना मंत्रालय के रणनीतिक संचार और सूचना सुरक्षा केंद्र की ओर से जारी बयान में कहा गया, “निवेशकों के धन को कोई खतरा नहीं है.’ झोरा ने कहा कि इस हमले से यूक्रेन की सेनाओं की संचार व्यवस्था प्रभावित नहीं हुई ।
यूक्रेन सरकार को रूस पर है शक
उन्होंने कहा कि हमले के पीछे कौन है, इस पर अभी कुछ नहीं कहा जा सकता. मंत्रालय के बयान में कहा गया कि इसमें रूस का हाथ हो सकता है. इससे पहले यूक्रेन ने कहा था कि रूस उसपर 16 फरवरी को हमला करेगा. यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लोदिमीर जेलेंस्की ने यह बात प्राप्त जानकारी के आधार पर दी थी. अमेरिका ने भी कहा कि किसी भी वक्त रूस यूक्रेन पर हमला कर सकता है. हालांकि रूस ने साफ शब्दों में कहा कि उसका हमला करने का कोई इरादा नहीं है.