यूक्रेन में फंसे छात्रों की मदद कर रहा गोंडा का युवक

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रूस और यूक्रेन के युद्ध से पूरी दुनिया मे दहशत है।बहुत सारे भारतीय छात्र भी इसी युद्ध के कारण यूक्रेन में फंसे हुए हैं। जिन्हें निकालने के लिए भारत सरकार के साथ ही कुछ नागरिक भी पूरी तरह प्रयास कर रहे हैं।

उन्ही लोगों में गोंडा के परसपुर के  निवासी विजय मिश्र जो कि लखनऊ में एक प्राइवेट ग्रुप में जनरल मैनेजर के पद पर कार्यरत हैं, वे और उनके कुछ मित्र उक्रेन में फंसे छात्रों को भारत लाने और अन्य सुविधाएं दिलाने के लिए प्रयासरत हैं। जिसमे वो काफी सफल भी हुए हैं।
विजय मिश्र बताते हैं “कि उनकी एक मित्र जो इंग्लैंड में रहती है उसने और मैंने मिलकर कोरोना की शुरुआत में कोविड सरवाइवर फोर्स नाम से एक ग्रुप बनाया था, जिसमे बाद में हज़ारों की संख्या में लोग जुड़ गए। और कोरोना में हजारों लोगों तक हमने मदद भी पहुंचाई। उसी ग्रुप के जरिये बहुत से छात्रों एवं उनके घरवालों ने हमसे संपर्क किया जो यूक्रेन में फंसे हुए थे। जिसके बाद मैंने तुरंत ही, विदेश मंत्री श्री एस जयशंकर जी और प्रधानमंत्री के सलाहाकार श्री अमित खरे को फ़ोन करके उनसे मदद मांगी। उन्होंने तुरंत ही विदेश सचिव श्री हर्ष सिंगला जी को मदद के लिए कहा जिसके बाद छात्रों को मदद पहुंचाई गई। यहां तक कि माननीय विदेश मंत्री जी ने एक व्हाट्सएप्प मेसेज पर छात्रों को मदद पहुंचाई जो कि बहुत ही सराहनीय है। ऐसे कुछ मामले जहां हमने मदद पहुंचाई, वो इस प्रकार हैं:-
1. पंजाब की एक छात्रा, अमनजोत जो उक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई कर रही है, उसका बैग जिसमे पासपोर्ट भी था, वो खो गया। युद्ध के चलते दूतावास से भी संपर्क नही हो पा रहा था। पर जैसे ही मैंने विदेश मंत्री श्री एस जयशंकर जी और प्रधानमंत्री के सलाहाकार श्री अमित खरे जी को बताया, तुरंत ही विदेश सचिव के जरिये दूतावास को सूचना पहुंचाई गई और अमनजोत को इमरजेंसी सर्टिफिकेट दिया गया और उसे सुरक्षित पोलैंड पहुंचाया गया ।
2. आंध्र प्रदेश का एक छात्र, नरेंद्र भूपल जो यूक्रेन ।में ही पढ़ाई कर रहा है, वो सरकार द्वारा पोलैंड बॉर्डर पहुंचाया गया पर वहां उसे पैनिक अटैक आने पर , उक्रेन पुलिस द्वारा उसे वहां से ले जाया गया। पर उसके बाद 5 दिन तक उसका कुछ पता नही चल पाया और न ही उससे संपर्क हो पाया।  पर जैसे ही मुझे ये पता चला  मैंने तुरंत फिर से विदेश मंत्री श्री एस जयशंकर से मदद मांगी, और उन्होंने दूतावास के अधिकारियों को नरेंद्र का पता लगाने को कहा। विदेश मंत्री जी के सहयोग से 4 दिन बाद नरेंद्र को ढूंढ निकाला गया।”
विजय मिश्र के इस काम की चर्चा पूरे क्षेत्र में है। उंन्होने फिर से अपने क्षेत्र और गोंडा का नाम राष्ट्रीय स्तर पर रोशन किया है। क्षेत्र के कई लोगों ने विजय मिश्र को उनके इस काम के लिए शुभकामनाएं और आशीर्वाद प्रदान किया है।

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