भारतीय संगीत की मलिका से करोड़ों संगीत प्रेमियों में शोक की लहर
पूरा देश शोक में डूबा, राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री सहित सभी ने जताया दुख
4.30 बजे मुंबई के शिवाजी पार्क में होगा अंतिम संस्कार
मुंबई। 60 दशक तक करोड़ों लोगों के दिलों दिमाग पर अपनी संगीत के जरिए राज करने वाली भारत रत्न स्वर कोकिला लता मंगेशकर रविवार को दुनिया से रुखसत हो गईं। 28 सितंबर 1929 को इस धरा पर जन्म लिया था। उम्र के अंतिम पड़ाव तक संगीत साधना में रत रहीं। संगीत की दुनिया में कदम रखने वाले के लिए वह मां सरस्वती की तरह थीं। उन्होंने 6 फरवरी 2022 को अंतिम सांस ली। संगीत की दुनिया में उनके शरीर ने भले ही दुनिया छोड़ दिया लेकिन उनका संगीत सैकड़ों सालों तक उनकी याद को जिंदा रखेगा। संगीत की अहम कड़ी का अवसान होने पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित दुनिया ने श्रद्धांजलि अर्पित की है।
साक्षात सरस्वती की अवतार मानी जाने वाली कुमारी लता दीनानाथ मंगेशकर का जन्म इंदौर में पंडित दीनानाथ मंगेशकर के घर हुआ। पंडित दीनानाथ मंगेशकर मराठी थिएटर के मशहूर ऐक्टर और नाट्य संगीतकार थे। लता जी अपनी चार बहनों में सबसे बड़ी थीं। 13 साल की उम्र में उन्होंने गायन शुरू किया। 60 साल तक स्वर साधना में रत रहने के बाद आज उन्होंने अलविदा कह दिया। संगीत की दुनिया जो रिक्तता आई है वह अब पूरा होना मुश्किल है। लता जी को 2001 भारत रत्न से विभूषित किया गया। वह दादा साहेब फाल्के सम्मान से नवाजी गयीं। लता जी ने 20 भाषाओं में 30 हजार गाने गाए हैं। आज शाम तीन बजे उनके पार्थिव शरीर के अंतिम दर्शन के लिए परेड होगी। 4.30 बजे अंतिम संस्कार होगा।