29 विधानसभा सीटों की धुरी के स्टार प्रचारक बने बृजभूषण
एक दर्जन सीटों से अधिक पर धुआंधार प्रचार
भाजपा की नैया के खेवैया बन संभाली चुनौत
दिक्षिता मिश्रा
गोंडा । उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में पीएम मोदी सहित कई दिग्गज नेताओं ने पूरी ताकत झोंक दी है। सपा से वन मैन आर्मी अखिलेश यादव तो बसपा से पूर्व मुख्यमंत्री मायावती व सतीश चंद्र मिश्रा तो कांग्रेस से प्रियंका गांधी व राहुल गांधी ने प्रचार की कमान संभाल रखी है। भाजपा से पीएम नरेंद्र मोदी, अमित शाह, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित जातीय समीकरण साधने वाले एक दर्जन वरिष्ठ नेता व मंत्री मैदान में कूद पड़े हैं। लेकिन देवीपाटन मंडल व अयोध्या मंडल की 29 सीटों पर भाजपा प्रत्याशियों को जिताने की ललक व जिद जिस तरह से अखिल भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने दिखाई है शायद किसी अन्य ने नहीं।
भाजपा संगठन से कोई आदेश मिला या नहीं लेकिन अपनी कूवत पर भाजपा की नैया पार लगाने के लिए वह हेलीकॉप्टर से प्रतिदिन तीन से चार सभा डेली कर रहे हैं। स्थानीय भाषा, स्थानीय मुद्दे व लोगों को लुभाने वाली वाणी का खूब इस्तेमाल कर रहे हैं। सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने अब तक अयोध्या के गोसाईं गंज, बीकापुर, गोण्डा, तरबगंज, कटरा बाजार, मेहनौन, करनैलगंज, श्रावस्ती सहित कई विधानसभा क्षेत्रों में धुआंधार भ्रमण व प्रचार कर चुके हैं। गोंडा की 7, बलरामपुर की 4, श्रावस्ती की दो, बहराइच की 07, अयोध्या की 05 व अंबेडकर नगर की चार सीटों पर भाजपा के उम्मीदवारों को जिताने की कमान संभाल ली है।
इनसेट पूर्वांचल का बड़ा नेता साबित करने की होड़ या कुछ और
चर्चा है कि सांसद बृजभूषण शरण सिंह क्या पार्टी को यह दिखाना चाहते हैं कि वह केवल सांसद नहीं हैं बल्कि राष्ट्रीय स्तर के नेता हैं। यदि वह पूरे देश में पहलवानों की एक लंबी कतार लगा सकते हैं तो विधायक क्यों नहीं। यदि पूर्व भाजपा जिलाध्यक्ष सूर्य नरायन तिवारी की मानें तो सांसद की पूरी राजनीतिक पृष्ठभूमि अयोध्या व देवीपाटन मंडल ही रहा है। अयोध्या से पढ़ाई की। 1990-91 में राम मंदिर आंदोलन की रहनुमाई की और गोंडा, बलरामपुर व कैसरगंज से संसदीय चुनाव जीत कर अपनी राजनीतिक हैसियत का लोहा मनवाया है।
इनसेट जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में साबित कर चुके हैं हैसियत
सांसद बृजभूषण शरण सिंह बीते वर्ष हुए जिला पंचायत अध्यक्ष पद का चुनाव जिताने के लिए अपने आप को साबित कर चुके हैं। देवीपाटन मंडल की चारों व अंबेडकर नगर की एक सीट पर भाजपा प्रत्याशी को जिताने की जिम्मेदारी पार्टी हाईकमान की ओर से मिली थी। और पांचों सीट पर उन्होंने भाजपा को जीत दिलाई। अब वह विधानसभा चुनाव में अपनी रसूख को साबित करने की जिम्मेदारी निभा रहे हैं। हालांकि समय बताएगा कि वह इसमें कितना कामयाब होंगे। लेकिन एक बात साफ़ है कि ललक व जुनून सफलता के लिए हमेशा वरदान साबित हुआ है।