पांचवें चरण में 693 प्रत्याशियों की किस्मत का फैसला आज

0
474


एक दर्जन मंत्री व रसूखदारों की प्रतिष्ठा दांव पर
राजमंगल सिंह
लखनऊ। विधानसभा चुनाव के पांचवे चरण का आगाज हो चुका है। रविवार की सुबह से भाग्य विधाता उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला करेंगे। 27 फरवरी को 12 जिले की 61 सीटों पर किस्मत आजमा रहे 693 प्रत्याशी मैदान में हैं। इसमें भाजपा सरकार के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य सहित 6 मंत्री व सपा के कई पूर्व मंत्री तथा रसूखदार कुंडा के रघुराज प्रताप सिंह राजा भैया व कैसरगंज सांसद बृजभूषण शरण सिंह की प्रतिष्ठा की भी परीक्षा होगी।
पांचवें चरण में प्रयागराज, आध्यात्मिक सांस्कृतिक नगरी अयोध्या, चित्रकूट, बाराबंकी, प्रतापगढ़, कौशांबी, अमेठी, गोंडा, रायबरेली, बहराइच, श्रावस्ती, और सुल्तानपुर की 61 विधानसभा सीटों पर चार प्रमुख दल भाजपा, सपा, बसपा व कांग्रेस सहित अन्य दलों व निर्दल के रूप में 693 लोग भाग्य आजमा रहे हैं। 61 सीटों में प्रयागराज सीट से 25 यानि सबसे अधिक प्रत्याशी मैदान में हैं।
2017 में इन 61 सीटों में 47 पर भाजपा ने जीत दर्ज की थी। तीन सीट भाजपा गठबंधन में शामिल अपना दल के खाते में गई थी। दो निर्दल उम्मीदवारों ने जीती थी। इसमें कुंडा से राज घराने के रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया व उनके करीबी विनोद सोनकर शामिल थे।
इसके अलावा सिराधू सीट से उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, मनकापुर सीट से समाज कल्याण मंत्री रमापति शास्त्री, प्रतापगढ़ की बेल्ट से ग्रामीण विकास मंत्री राजेंद्र प्रताप सिंह उर्फ मोती सिंह, प्रयागराज पश्चिम से सिद्धार्थनाथ सिंह, प्रयागराज दक्षिण से नंद गोपाल नंदी, लोक निर्माण विभाग के राज्यमंत्री चंद्रिका प्रसाद उपाध्याय मैदान में हैं और दुबारा जीत हासिल कर अपनी सीट बचाने की चुनौती है। वहीं बाराबंकी की छह सीटों में 2017 में पांच पर भाजपा ने जीत दर्ज की थी। इस बार दरियाबाद से सपा सरकार के पूर्व मंत्री अरविंद सिंह गोप, पूर्व मंत्री फरीद महफूज किदवई, बहराइच से पूर्व मंत्री याशिर शाह भी किस्मत आजमा रहे हैं। इसके अलावा कद्दावर नेता रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री स्व बेनी प्रसाद वर्मा के पुत्र राकेश वर्मा, अमेठी के पूर्व सांसद डॉ संजय सिंह व कैसरगंज सांसद बृजभूषण शरण सिंह के पुत्र प्रतीक भूषण सिंह तथा पूर्व मंत्री स्व विनोद कुमार सिंह उर्फ पंडित के भतीजे सूरज सिंह गोंडा सदर से चुनाव लड़ रहे हैं। लेकिन इसमें बड़ों की प्रतिष्ठा फंसी हुई है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here