गोंडा जहां प्रदेश सरकार अमृत सरोवर योजना के तहत तालाबों के सुंदरीकरण और जल संरक्षण की बात करती है और अधिकारी और कर्मचारी अमृत सरोवर योजना के तहत तालाबों के सुंदरीकरण में जुटे हुए हैं तो ठीक उसी के विपरीत गोंडा के शहर क्षेत्रों के लगभग एक दर्जन तालाब अपना अस्तित्व खोते नजर आ रहे हैं दबंग भू माफिया अवैध तरीके से तालाबों की पटाई करवा कर उस पर प्लाटिंग करवा रहे हैं यह कोई नई बात नहीं है अब तक शहर क्षेत्र कई तालाबों के किनारे पटाई कर कर बड़ी बड़ी बिल्डिंग बनाई जा चुकी हैं उसके बाद भी जो तालाब बचा है पटाई करवाई जा रही है अगर ऐसा ही होता रहा तो आने वाले दिनों में तालाब लुप्त हो जाएंगे और नगर मोहल्लों से निकलने वाले पानी को जिला प्रशासन कहां खापायेगा पिछले वर्ष जब भारी बारिश हुई थी तो नगर वासियों को जलभराव का भी सामना करना पड़ता है लेकिन नगरपालिका के अधिकारी चेत नहीं रहे हैं नगर पालिका प्रशासन और नगर पालिका चेयरमैन की उदासीनता और संलिप्तता कहीं ना कहीं जाहिर हो रही है आप देखेंगे कि क्षेत्रों के तालाबों के किनारे बड़ी बड़ी बिल्डिंग ही नजर आती है ।गोंडा शहर क्षेत्र के तालाबों की बात की जाए तो यहां पर प्रसादी तालाब- बभनी का बड़ा तालाब -पांडे तालाब- मवैया तालाब और आईटीआई के पास बड़ा तालाब जो अपने अस्तित्व खत्म करने की कगार पर है ऐसे ही कई तालाब हैं यह बात तो नगर क्षेत्र की हो गई अगर जिले के तालाबों की बात की जाए तो उसका आंकड़ा निकाल पाना अभी तक मुश्किल है ।वही अब पूरे मामले पर जिले की मुखिया जिलाधिकारी डॉ उज्जवल कुमार ने कहा कि लगातार तालाबों के पाटने की सूचना मिल रही थी जिस पर एक जिला स्तरीय कमेटी का गठन किया गया है जो नगर क्षेत्र के साथ-साथ जिले के तालाबों का भौतिक सत्यापन करेंगे और सत्यापन के बाद जो अतिक्रमण तालाबों पर किया गया है उस पर भी कार्रवाई की जाएगी।


























